यह क्या
होने लगा है
फिर से ,
मेरी जिंदगी में
मेरे दोस्तों ...
वोह मेरी
खामोश जिंदगी में
क्यूँ याद आने लगे हैं
फेर से
मेरे दोस्तों ............
मुझे बताओ
क्या फिर से
वही तबाही
बर्बादी का लम्हा
तूफ़ान बन कर
आने वाला है
मेरी जिंदगी में दोस्तों ॥
मुझे कोई तो बताओ
पहले की तरह
वोह फिर से
क्यूँ याद आने लगे हैं
मेरी जिंदगी में
मुझे दोस्तों ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
14 अक्तूबर 2011
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बहुत ही अच्छी.....
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