नई दिल्ली. गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। जाकिया जाफरी केस में अदालत मित्र (एमिकस क्यूरे) राजू रामचंद्रन की रिपोर्ट में मोदी के खिलाफ गुजरात दंगे में कथित भूमिका को लेकर चार्जशीट दायर करने का आधार है। हालांकि यह रिपोर्ट अभी गोपनीय है लेकिन सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित एसआईटी के साथ साझा किया गया है।
शीर्ष अदालत ने गुजरात में 2002 में हुई हिंसा से जुड़े मामलों की जांच और आरोपियों को नामजद करने के लिए एसआईटी का गठन किया था। इन दंगों में 1200 से अधिक लोग मारे गए थे।
अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि एमिकस क्यूरे की रिपोर्ट में एसआईटी के इस विचार को पूरी तरह खारिज किया गया है कि गुजरात के मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई केस नहीं बनता है। इसमें कहा गया है कि सिर्फ संजीव भट्ट समेत गुजरात के सीनियर पुलिस अफसरों के ‘क्रॉस एक्जामिनेशन’ से यह तय हो सकता था कि मुख्यमंत्री बेगुनाह हैं या दोषी। निलंबित आईपीएस अफसर संजीव भट्ट ने आरोप लगाया था कि मोदी ने गुजरात दंगों के दौरान हिंदुओं को अपना गुस्सा निकालने की पूरी छूट देने के आदेश दिए थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी गवाहों का फिर से क्रॉस एग्जामिनेशन होना चाहिए। रिपोर्ट से इशारा मिलता है कि नरेंद्र मोदी के खिलाफ समुदायों के बीच नफरत को बढ़ावा देने और बतौर पब्लिक सर्वेंट अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं करने के चलते आईपीसी की धारा 153 और 166 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है। इस तरह एमिकस क्यूरे ने एसआईटी के उस दावे को खारिज किया है कि सीएम के खिलाफ कोई केस नहीं बनता है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
23 अक्टूबर 2011
नरेंद्र मोदी के खिलाफ चार्जशीट संभव!
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