शोध का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर शोई सुगिता ने बताया कि कौए भी चिह्नें को पहचानने के लिए मनुष्यों वाला तरीका अपनाते हैं। इस शोध को अंतरराष्ट्रीय जरनल एनिमल बिहेवियर में भी प्रकाशित किया गया है।
कैसे हुआ शोध
शोध करने वाली टीम ने आठ जंगली कौओं को एक पिजड़े में रखा गया। साथ ही इसमें दो कंटेनर रखे गए। इनमें से एक कंटेनर में अच्छी क्वालिटी का भोजन रखा गया था। कौए इस कंटेनर को पहचानने में सफल रहे। टीम ने पाया कि सही कंटेनरों को पहचानने में कौओं के 70 से 90 प्रतिशत प्रयास सफल रहे। अब भविष्य में इनकी पहचानने की क्षमता को जानने के लिए टीम संख्या के स्थान पर कुछ नए चिह्न् इस्तेमाल करेगी।
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