जयपुर.मानसरोवर थड़ी मार्केट चौराहे पर बना कॉम्प्लेक्स..रात आठ बजे एक एक कर सिलेंडर फटते गए और लपटें आकाश को छूती गईं। लोग खौफजदा, पूरे शहर में सीतापुरा जैसे अग्निकांड की अफवाह फैल गई..पर शुक्र! सौ से अधिक सिलेंडर में से 18 ही फटे। फिर इन धमाकों से उठे कई सवाल।
जवाब के नाम पर, सिर्फ कार्रवाई की खानापूर्ति। आखिर कैसे दो साल से अवैध रिफिलिंग का कारोबार चलता रहा? सभी को इसका पता था। रसद विभाग ने तीन बार कार्रवाई की..कॉम्प्लेक्स मालिक दो बार जेल गया, लेकिन फिर आकर वही अवैध कारोबार।
पड़ोसियों ने कई बार शिकायत की, फिर भी लाचार प्रशासन खतरे के इस कारोबार को रोक नहीं सका।..इससे भी शर्मनाक ये, कि इसी पुलिस प्रशासन की जानकारी में शहर में बड़े से छोटे सिलेंडर में अवैध रिफिलिंग का जाल बिला हुआ है।
शहर में कई और इलाकों में ऐसा ही डर
रसद विभाग और पुलिस की लापरवाही का ही नतीजा है कि शहर के कई इलाके विस्फोट के मुहाने पर हैं। ये वो इलाके हैं, जहां या तो बड़े बाजार हैं या शहर के बाहर से आकर यहां पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स बड़ी संख्या में रहते हैं। इन इलाकों या बाजारों का बड़ा धंधा घरेलू गैस सिलेंडरों से छोटे सिलेंडरों में गैस रीफिलिंग करने का है।
मानसरोवर :
यहां बड़ी संख्या में इंस्टीट्यूट हैं। बाहरी विद्यार्थियों की बड़ी संख्या है। उन्हें सिलेंडर सप्लाई के लिए यहां रिफलिंग का धंधा चरम पर है। दो सालों में 3 मामलों में रसद विभाग ने बड़ी संख्या में छोटे (4 से 5 किलो गैस क्षमता) व घरेलू गैस सिलेंडर जब्त किए। थड़ी मार्केट में रविवार की घटना वाले मामले में तो तीन बार एफआईआर भी दर्ज कराई जा चुकी है।
वीकेआई :
औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण बड़ी संख्या में ऐसा धंधा पनप चुका है। डेढ़ साल पहले विभाग की टीम ने एक ही दुकानदार से करीब 100 सिलेंडर जब्त किए थ, जो गो गैस के नाम से बड़े सिलेंडरों से छोटे सिलेंडर भरने का काम कर रहा था।
झोटवाड़ा :
यहां भी कुछ छोटे इलाकों में ऐसा धंधा करने वालों की संख्या कम नहीं है। डीएसओ के अनुसार एक मामला यहां भी उन्होंने पकड़ा और मामला दर्ज कराया।
ये भी धमाकों के मुहाने
इनके अलावा मालवीय नगर, जगतपुरा, सीतापुरा, बरकतनगर, प्रतापनगर, सांगानेर, इंदिरा बाजार, विद्याधर नगर, महेश नगर, आदर्श नगर, सहित कई इलाके ऐसे क्षेत्रों में शामिल हैं, जहां ऐसे धंधे जोरों से चल रहे हैं।
जिम्मेदार कौन : डीएसओ यू.डी.खान और पुलिस महकमा
डीएसओ से सवाल-जवाब
अवैध रूप से गैस री फिलिंग के धंधे को रोकने की जिम्मेदारी किसकी है?
ऐसे मामलों में रसद विभाग ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि क्षेत्र की पुलिस या तहसीलदार भी कार्रवाई कर सकते हैं।
मतलब रसद विभाग इससे पीछा छुड़ाना चाहता है?
नहीं, सबसे पहले तो रसद विभाग को ही कहा जाता है। थड़ी मार्केट के अवैध गोदाम पर हमने तीन बार एफआईआर दर्ज कराई है।
आपने एफआईआर दर्ज कराकर काम खत्म समझा?
नहीं हम नियमित चिट्ठियां लिखते हैं।
इस मामले में लिखी क्या?
पता नहीं, लेकिन लिखी होगी।
मतलब कार्रवाई कर अवैध धंधा करने वाले को और छूट दे दी?
पुलिस को कार्रवाई करनी थी।
ऐसे मामलों में क्या कार्रवाई होती है?
लोगों की जान जोखिम में डालने का मामला दर्ज कराया जाता है, जिसमें 6 से 7 साल तक की सजा का प्रावधान है।
शहर में बड़ी संख्या में ऐसे धंधे चल रहे हैं, जिनके बारे में विभाग को पता है, कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
हमने 12-13 मामलों में कार्रवाई की है, एफआईआर भी दर्ज कराई है। कुछ मामलों में तो अभियुक्त जेल भी गए हैं।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
09 अक्तूबर 2011
एक-एक कर होता गया धमाका और आसमां को छूती गईं लपटें!
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