
ग्रेट डेन लिली की बीमारी ने वेटनरी डॉक्टरों को उसकी आंखें निकालने के लिए मजबूर किया। डॉक्टरों को लगा कि अब उसका जीवन कैसे चल सकेगा। तब किसी ने भी उसके दोस्त मैडिसन के बारे में नहीं सोचा था। अब मैडिसन उसका गाइड बन गया है।
यह जोड़ा कई सालों से साथ में रह रहा है, लेकिन अब उन्हें एक नए घर की तलाश है क्योंकि उनका मालिक उन्हें लंबे समय तक नहीं रख सकता। वे जुलाई से श्रूसबैरी के डॉग ट्रस्ट रीहोमिंग सेंटर पर घर जाने का इंतजार कर रहे हैं। दरअसल, ग्रेट डेन को एक पैकेज की तरह लेना होगा। डॉग ट्रस्ट केयर्स में 17 रीहोम सेंटर्स के जरिए करीब 16 हजार से अधिक आवारा और प्रतिबंधित डॉग्स प्रतिवर्ष आते हैं।
मैडिसन है गाइड
ट्रस्ट के मैनेजर लुइस कैंपबेल कहते हैं कि मैडिसन लिली का गाइड डॉग है। यदि वे बाहर घूम रहे होते हैं तो अधिकांश समय मैडिसन लिली के आगे रहता है और लिली उसे छूकर पता करती है कि उसे कहां जाना है। यह देखना काफी अच्छा लगता है। मैडिसन हमेशा लिली के बाहर आने का इंतजार करता है।
आंखें हुईं खराब
लिली छह वर्ष की है। उसे पलकें नीचे गिरी रहने की बीमारी हो गई, जिससे उसकी आंखें इतनी खराब हो गईं कि वह अब ठीक नहीं हो सकती हैं। इस दु:खद घटना के बाद लिली सात साल के मैडिसन के काफी करीब आ गई क्योंकि वह लिली की मदद करने लगा और लिली को भी उसके साथ अच्छा लगता था। आंखों के जाने के बाद लिली की अन्य इंद्रियां काफी अधिक सक्रिय हो गई हैं। हालांकि, हम उन्हें अलग नहीं करते हैं फिर भी मैडिसन के आस-पास होने पर वह इसके बारे में बता देती है। वे साथ में ही रहते हैं।
बात करते हैं दोनों
कैंबेल कहती हैं कि हम उसके भौंकने की आवाज का विश्लेषण नहीं कर सकते हैं। मगर, जब लिली आगे जाना चाहती है और मैडिसन उसके रास्ते में होता है तो दोनों के भौंकने की आवाज के बीच में काफी अंतर होता है। दोनों एक-दूसरे के काफी करीब हैं और एक-दूसरे का साथ काफी पसंद करते हैं। दोनों एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं।




insan ko inse seekna hoga..............
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