वहां पर अमन क्या होगा ..सुकून की बात क्या होगी
जहां बारिश लहू की हो ॥ वहां बरसात क्या होगी ॥
कभी मेरठ कभी दिल्ली कभी पंजाब में कर्फ्यू
भला इससे भी बिगड़ी सूरते हालात क्या होगी
जहां इंसाफ बिकता हो .जहां दोलत की पूजा हो
वहां ज़िक्रे वफा इंसानियत की बात क्या होगी
गरीबों को मयस्सर अब न रोटी है न कपड़ा है
ऐ आज़ादी तेरी इससे बढ़ी सोगात क्या होगी ॥
तुझे शेरी लहू देकर भी इसकी लाज रखनी है
वतन की आबरू पर जान की ओकात क्या होगी .....................संकलन .............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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