घटना वियारेगिओं के सेंट एंड्रीया चर्च की है, जहां ब्रिटेन में जन्मे 46 वर्षीय एल्डो बिआनचीनी ने 300 लोगों से खचाखच भरे चर्च में प्रार्थना सभा के दौरान अपने ही हाथों से अपनी आंखें खींचकर बाहर निकाल डाली।
न्यूज एजेंसी ANSA के अनुसार बिआनचीनी ने बताया कि उसे कुछ देर से दैवीय आवाज़ें सुनाई दे रही थीं, जिनके आह्वान पर उसने अपनी आंखों की पुतलियों को नोंचकर बाहर निकाल दिया।
गंभीर रूप से घायल बिआनचीनी को वर्सिलीया अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है। डॉक्टरों के अनुसार उसकी जान को कोई ख़तरा नहीं है, फिर भी उसकी हालत काफी गंभीर बनी हुई है।
घटनास्थल पर तत्काल मदद के लिए आगे आए लोगों ने जमीन पर पड़ी उसकी आंखें तो उठा ली, लेकिन डॉक्टरों के अनुसार उन्हें लगाया नहीं जा सकता और बिआनचीनी अब कभी नहीं देख सकता।
प्रार्थना सभा को संबोधित कर रहे फादर लॉरेंज़ो टेंगानेली ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में किसी घटना में इतना खून बहते हुए नहीं देखा।
बिआनचीनी के पहचान वालों के अनुसार उसे पहले भी मनोवैज्ञानिक परेशानियों से प्रभावित देखा गया है।
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