राज्य के हर जिले में दागी उम्मीदवारों के खिलाफ जनता को जागरूक किया जाएगा। इसमें एसएमएस, पोस्टर-बैनर, प्रदर्शनी व छोटी सभाओं का सहारा लिया जाएगा। आंकड़े बताते हैं कि पिछले चुनावों में आपराधिक रिकॉर्ड रखने वाले जनप्रतिनिधियों की संख्या लगातार बढ़ी है। 2007 में दागी छवि वाले 160 उम्मीदवार चुनाव जीते थे। इनमें तीन उम्मीदवार जेल में रहते हुए चुनाव जीते थे।
एडीआर के संयोजक अनिल बैरवाल ने कहा हैं कि वह सभी पार्टियों को पत्र लिखकर दागियों को टिकट न देने की अपील करेंगे। इसके बाद भी यदि आपराधिक छवि वाले नेताओं को प्रत्याशी बनाया गया तो जनता को उनकी असलियत बताई जाएगी। नेताओं के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी देने के लिए हेल्पलाइन भी शुरू की जाएगी।
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