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22 अक्तूबर 2011

शराब कॉन्ट्रेक्टर ने भरे बाजार चलाई गोलियां

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इंदौर। शराब दुकानों के ठेके लेने वाले एक ग्रुप के पार्टनरों में पांच करोड़ के लेनदेन को लेकर चल रहे विवाद ने शुक्रवार दोपहर बड़ा रूप ले लिया। महारानी रोड की एक दुकान पर चल रही समझौते की बैठक में झगड़ा होने पर सरे बाजार गोलियां और तलवार-चाकू चले। एक युवक के चेहरे पर गोली लगने से गंभीर हालत में उसे निजी अस्पताल भेजा गया। उसके तीन रिश्तेदार भी घायल हुए। वहीं, दूसरे गुट के भी दो लोग अस्पताल में भर्ती हैं। उनमें एक के पैर में गोली लगी है। उन्होंने भी शिकायत की है जिसकी जांच की जा रही है।
घटना करीब 12 बजे सेंट्रल कोतवाली थाने से महज 150 मीटर की दूरी पर हुई। टीआई अतीक अहमद खान ने बताया महारानी रोड पर महालक्ष्मी कॉम्प्लेक्स के तलघर में ट्राइसिकिल हाउस दुकान पर मालिक पवन पिता सत्यनारायण चौकसे व उनके भाई पंकज तथा पिंकू बैठे थे। इस दौरान बंगाली कॉलोनी निवासी धर्मेंद्रसिंह राठौर, उसका भाई सर्वेंद्र, मुकेश, मिलेश, सत्यमसिंह गोल्डी व अन्य आरोपी तीन कारों से वहां पहुंचे।

बातचीत के दौरान उनका पवन और पंकज से विवाद हुआ। बात बढ़ने पर धर्मेंद्र व उसके साथियों ने फायरिंग शुरू कर दी। पहली गोली पवन के बाएं जबड़े में लगी। पंकज झुक गया तो गोली उसे नहीं लगी लेकिन उसके सिर पर तलवार लग गई। यह देख दुकान के सामने स्थित जीवन इलेक्ट्रिकल्स दुकान पर बैठे पवन के चाचा महेश चौकसे व रिश्तेदार सुमित पहुंचे।
घटना से वहां भगदड़ की स्थिति बन गई। हमले में पिंकू, महेश और सुमित को भी चोट लगी। इसके बाद दूसरे पक्ष ने भी जवाबी हमला किया, जिससे आरोपियों में एक की कार एमपी-09 सीजे-0007 के कांच फूट गए। खबर मिलते ही पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे लेकिन हमलावर उनके सामने ही भाग निकले। पवन को गंभीर हालत में निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
‘मुझे हिस्सा दिए बिना ग्रुप से बेदखल करना चाह रहे थे’

थाने में एफआईआर पंकज ने कराई। उसने बताया मैं, सर्वेंद्र राठौर, मिलेश, जितेंद्र आर्य व मुकेश चौकसे जय महाकाल जय भोले ग्रुप के पार्टनर हैं। हम चार साल से शराब दुकानों के ठेके ले रहे हैं। ग्रुप में इसी साल सर्वेंद्र ने भाई धर्मेंद्र को शामिल कर लिया। वे मुझे ग्रुप से हटाने और देपालपुर स्थित मेरी शराब दुकानों पर कब्जा करना चाह रहे थे। मैंने उनसे कहा यह साल पूरा हो जाने दो और मेरे हिस्से के पांच करोड़ रुपए दे दो तो अलग हो जाऊंगा पर वे हिस्सा नहीं दे रहे थे। इसी बात पर विवाद हुआ।
11 नामजद आरोपी, तलवार जब्त

पुलिस ने धर्मेंद्र, मुकेश चौकसे, मिलेश यादव, सर्वेंद्र, रूपेश यादव, अरविंद ठाकुर, सत्यमसिंह गोल्डी, पिल्लू पांडे, मुकेश यादव, विक्की ठाकुर, गब्बर चिकना व अन्य 15 आरोपियों के खिलाफ बलवा, प्राण घातक हमला, गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी व मारपीट की धाराओं में केस दर्ज किया है।
पैर में गोली लगी या खुद मारी?

एएसपी महेशचंद जैन को खबर मिली कि आरोपी धर्मेंद्रसिंह पैर में गोली लगने का बताकर बंगाली चौराहे के पास स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गया है। श्री जैन व सीएसपी राजेश रघुवंशी वहां पहुंचे तो डॉक्टरों ने बताया उसे पैर में गोली लगी है। उसके साथ ही सत्यमसिंह गोल्डी भी भर्ती हुआ, उसे आंख के पास चोट आई है।

पता चला है कि धर्मेंद्र के पास लाइसेंसी पिस्टल है। पुलिस जांच कर रही है कि धर्मेंद्र ने खुद को गोली मारी है या मौके पर हुई फायरिंग में वह घायल हुआ। पुलिस ने अस्पताल में ही जवान तैनात करते हुए दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया।

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