नई दिल्ली. अपने सहयोगियों से राहुल गांधी की मुलाकात को लेकर हुए विवाद के चलते अन्ना हजारे और उनके सहयोगी खासे नाराज हैं। अन्ना के तीन सहयोगियों को राहुल की ओर से मुलाकात का समय नहीं दिया गया। उनका कहना है कि ऐसी कोई मुलाकात तय नहीं थी, जबकि अन्ना के सहयोगियों के मुताबिक सोमवार रात तक यह तय था कि मंगलवार सुबह नौ बजे उन्हें राहुल से मिलना है। रविवार से ही मौन व्रत पर बैठे अन्ना ने अपने सहयोगियों को तत्काल रालेगण लौट जाने के लिए कहा है।
राहुल से मिलने दिल्ली पहुंचे प्रतिनिधिमंडल के सदस्य और अन्ना के सहयोगी सुरेश पठारे ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि वह अब राहुल गांधी से मुलाकात नहीं करेंगे और तत्काल रालेगण रवाना हो जाएंगे। पठारे के मुताबिक राहुल गांधी के दफ्तर की तरफ से उन्हें तीन दिन दिल्ली में रुकने को कहा गया है। पठारे के मुताबिक उसके बाद राहुल से उनकी मुलाकात हो सकती है। पठारे ने यह भी साफ किया कि राहुल से मुलाकात के लिए उनके पास दो बार फोन गया था।
लेकिन इससे उलट इस मामले में राहुल गांधी के दफ्तर से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राहुल से मुलाकात के लिए अन्ना के प्रतिनिधियों को बुलाने के लिए कोई फोन नहीं किया गया था। कथित तौर पर मुलाकात की पहल करने वाले इडुकी (केरल) के सांसद पीटी थॉमस ने भी मंगलवार को कहा कि इस मामले में संवाद की कमी के चलते भ्रम पैदा हो गया। थॉमस का कहना है कि एक महीने पहले रालेगण सिद्धि गए थे और हजारे द्वारा शुरू किए गए विकास के कार्यक्रम की जानकार ली थी। थॉमस ने कहा, ‘वहां मैंने सरपंच समेत गांव के कई लोगों से मुलाकात की थी। उस दौरान उन्होंने राहुल गांधी से मिलने की इच्छा जताई थी। मैंने उन्हें आश्वासन दिया था कि जो भी मदद संभव होगी, मैं उन्हें दूंगा। उन्होंने एक चिट्ठी भी भेजी थी, जिसे मैंने राहुल गांधी के दफ्तर भेज दिया था। लेकिन दुर्भाग्य से मेरी गैर मौजूदगी में मेरे दफ्तर की तरफ से रालेगण सिद्धि के सरपंच को दिल्ली बुला लिया गया। इस मामले में कुछ भ्रम पैदा हो गया। ’ उन्होंने साफ किया कि वह इस मुलाकात के लिए राहुल गांधी से समय लेने की कोशिश नहीं कर रहे हैं।
राहुल से मिलने पहुंचे तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल रालेगण सिद्धि के सरपंच जय सिंह मपारी ने कहा है कि वह इस बात से आहत नहीं है कि उन्हें राहुल गांधी ने मुलाकात का समय नहीं दिया। बल्कि वे इस बात से दुखी हैं कि उनसे झूठ बोला गया। मपारी इसे अन्ना और उनके समर्थकों का अपमान मानते हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ अन्ना का ही नहीं बल्कि पूरे रालेगण सिद्धि का अपमान है।
अन्ना के सहयोगियों का कहना है कि सोमवार को थॉमस के दफ्तर से उन्हें जानकारी मिली थी कि राहुल से उनकी मुलाकात होगी। रालेगण से आए तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सोमवार शाम सात बजे थॉमस के आवास पर भी गई थी।
हालांकि सोमवार देर शाम थॉमस की ओर से एक बयान जारी कर राहुल से अन्ना के प्रतिनिधियों की खबर को बेबुनियाद करार दिया गया था। मपारी और अन्ना के दो करीबी सहयोगियों ने राहुल के सिपहसालारों द्वारा मुलाकात की संभावना से इनकार करने पर आश्चर्य जताते हुए दावा किया था कि उन्हें फोन कर मुलाकात का समय दिया गया था।
थॉमस के मुकरने से स्तब्ध सरपंच मपारी ने दैनिक भास्कर से कहा, ‘हम तो गांव के सरपंच हैं। सांसद थॉमस रालेगण सिद्धि के दौरे पर आए थे और उन्होंने ही राहुल गांधी से मुलाकात कराने की बात कही थी। इसके बाद करीब पंद्रह दिन पहले राहुल गांधी के आवास से 18 तारीख को सुबह नौ बजे मिलने का संदेश आया था। हम अन्ना हजारे से अनुमति लेकर मुलाकात के लिए दिल्ली पहुंचे हैं।’ उनका दावा है कि इस बीच थॉमस भी लगातार उनके साथ फोन से संपर्क में रहे। सरपंच के मुताबिक, थॉमस ने उन्हें राहुल से मुलाकात के दौरान अन्ना की लिखी ‘माझा गांव माझा तीर्थ पुस्तक’ भी साथ लाने को कहा था।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
18 अक्तूबर 2011
दूतों के 'अपमान' से अन्ना नाराज: मौन व्रत में भी चेताया, दिग्विजय के सवाल पर नहीं चलाई कलम
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