मेरी प्रेमिका ने
एक बार फिर मुझ से
बेवफाई की है ॥
जो किया था उसने मुझ से वायदा
वोह वायदा उसने नहीं निभाया है
उसका यही गुण देख कर
मेने उसे
एक राजनितिक पार्टी से
सांसद बनने का टिकिट दिलाया है
दोस्तों लोकतंत्र और वोटर का टेस्ट तो आप जानते ही हैं
झूंठे वायदे करना और भूल जाना
मेरी प्रेमिका की इसी अदा पर तो
जनता ने उसे भारी मतों से जिताया है ॥
यही लोकतंत्र है
यहाँ मेरे है तो बत्तीस रूपये लेकिन
मेरे बच्चन का दुद्ध भी
उसमे नहीं आ पाया है
बस इसीलियें मेने उन्हें
वायदे की थपकियाँ देकर सुलाया है ............
यही लोकतंत्र है यहाँ भुखमरी
गरीबी, भ्रष्टाचार , अनाचार का
जो बोलबाला है
इसीलियें ऐ मनमोहन
तेरी इस सरकार ने
कोंग्रेस और उसके कार्यकर्ताओं को भी
आम जनता के साथ खून के आंसू रुलाया हैं ...................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
17 अक्टूबर 2011
कोंग्रेस और उसके कार्यकर्ताओं को भी आम जनता के साथ खून के आंसू रुलाया हैं
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बिलकुल सही लिखा है आपने| धन्यवाद|
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