नई दिल्ली. केंद्र सरकार और टीम अन्ना के बीच जन लोकपाल को लेकर एक बार फिर ठन गई है। केंद्र सरकार जहां एक तरफ कह रही है कि लोकपाल को एक संवैधानिक संस्था बनाया जाएगा। वहीं, टीम अन्ना इसे लोकपाल कानून को ठंडे बस्ते में डालने वाला बता रही है। केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने एक बयान में कहा है कि सरकार लोकपाल को चुनाव आयोग से भी ज़्यादा मजबूत संस्था बनाना चाहती है।
खुर्शीद का कहना है कि सरकार की मंशा है कि लोकपाल एक संवैधानिक संस्था बने। हालांकि, बाद में इस बयान पर सफाई देते हुए खुर्शीद ने कहा, 'मैंने कहा था कि जो राहुल गांधी ने कहा था, वह हमारे लिए प्रेरणास्रोत है। हम उस रास्ते पर चलना चाहते हैं। लेकिन इसके आगे मैं इसकी बारीकियों में नहीं जाऊंगा। यह मामला स्थायी समिति के सामने है, ऐसे में कोई टिप्पणी करना सही नहीं है।'
राहुल गांधी ने संसद के मॉनसून सत्र में लोकपाल को महज कानूनी नहीं बल्कि संवैधानिक संस्था बनाए जाने की जरूरत पर जोर दिया था। खुर्शीद का कहना है कि सरकार इस बारे में विचार कर रही है। हालांकि, खुर्शीद के मुताबिक अभी ऐसा कोई औपचारिक प्रस्ताव कैबिनेट के सामने नहीं पेश किया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री नारायण सामी ने कहा है कि जन लोकपाल बिल संसद की स्थायी समिति के पास है। सामी ने बुधवार को कहा, 'हम एक प्रक्रिया पर काम कर रहे हैं। कानून मंत्री ने कहा है कि लोकपाल को संवैधानिक संस्था बनाया जा सकता है। निश्चित रूप से यह कई विकल्पों में से एक है। टीम अन्ना को शीतकालीन सत्र तक इंतजार करना चाहिए। सरकार एक मजबूत लोकपाल बिल चाहती है।'
लेकिन सरकार के लोकपाल को महज कानून की जगह एक संवैधानिक संस्था बनाए जाने के बयान को टीम अन्ना लोकपाल कानून को ठंडे बस्ते में डालने वाला कदम मान रही है। किरण के मुताबिक सरकार लोकपाल कानून में देरी करके लोगों को बरगलाना चाहती है। टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि लोकपाल को संवैधानिक दर्जा देने की बात करना ठीक वैसा ही है, जैसे घोड़े के आगे गाड़ी खड़ी कर देना। उन्होंने कहा कि आखिर सरकार किसे बेवकूफ बनाना चाहती है। किरण बेदी का कहना है कि सरकार अगर गंभीर है तो पहले शीतकालीन सत्र में मजबूत लोकपाल कानून बनाए और फिर इसे संवैधानिक संस्था बनाने की बात कहे।
वहीं, टीम अन्ना के सदस्य प्रशांत भूषण ने बुधवार को कहा कि उनकी टीम सरकार के इस ऐलान का स्वागत करती है कि लोकपाल को संवैधानिक संस्था बनाया जाएगा। लेकिन साथ ही चेतावनी भी दी है कि टीम अन्ना मजबूत लोकपाल कानून के नियमों में किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेगी। भूषण के मुताबिक, 'चूंकि, कांग्रेस और यूपीए को एक्ट बनाना है, इसलिए उन्हें सुनिश्चित करना चाहिए कि एक्ट बन रहा है। संवैधानिक संस्था बनाने के चक्कर में कहीं लोकपाल कानून ही न अटक जाए।'
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
12 अक्तूबर 2011
टीम अन्ना और सरकार में ठनी: अन्ना का अल्टीमेटम- लोकपाल नहीं बना तो फिर अनशन
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