चंद्रमा कृत्तिका नक्षत्र युक्त व वृष राशि में उदय होगा, जो चंद्रमा की उच्च राशि रहती है। इससे व्रत करने वाली महिलाओं को सौभाग्य वृद्धि का अच्छा फलदायी रहेगा। वर्षभर की प्रमुख करवा चौथ पर महिलाएं गणेश जी व चौथ माता की कथा सुनकर निर्जल व्रत शुरू करेंगी।
इस विशेष अवसर पर महिलाएं करवा, कार्तिक धान्य, कार्तिक फल रखकर कथाएं सुनेंगी व व्रत का संकल्प लेंगी। वहीं शाम को चंद्रदर्शन के बाद व्रत खोलेंगी और अपने से बड़ों को सुहाग की वस्तुएं कलपेंगी।
चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी तिथि में मनेगा करवा चौथ व्रत :
ज्योतिषविदों के मुताबिक उदियात में तृतीया तिथि रहेगी। पंडित बंशीधर जयपुर पंचांग निर्माता दामोदर शर्मा व ज्योतिषाचार्य चंद्रमोहन दाधीच के अनुसार शाम 3.05 बजे से चतुर्थी शुरू हो जाएगी। शास्त्रानुसार यदि चतुर्थी तिथि चंद्रोदय व्यापिनी होती है, उसी दिन इस व्रत को रखना श्रेष्ठ माना गया है। जयपुर में चंद्रोदय रात्रि 7.58 बजे होगा।
कलपेंगी सुहाग की सामग्री : महिलाएं अपने से बड़ी सुहागिन महिलाओं को भोजन करवाकर 13 करवा व 13 सुहाग की वस्तुएं कलपेंगी। इसी दिन नवविवाहित वधुओं के लिए पीहर पक्ष से करवा चौथ के निमित्त उपहार, मिठाई एवं नए वस्त्र भेजे जाएंगे।
जानकारी के लिये आभार्।
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