शिव का एक नाम है - मनकामनेश्वर यानी शिव ऐसे देवता हैं, जिनकी भक्ति और उपासना मन की सारी इच्छाओं को पूरा करती है। यही नहीं यह कामनाओं को वश में रख दोष और विकारों से मुक्त रखने वाली भी मानी गई है।
शास्त्रों के मुताबिक शिव अनेक स्वरूपों सृष्टि, रचना और पालन को नियंत्रित करते हैं। शिव के इन स्वरूपों में पूजनीय है - एकादश रूद्र। जिनका स्मरण सभी सांसारिक व आध्यात्मिक कामनाओं को पूरा करने वाला माना गया है।
शिव भक्ति के विशेष दिनों या तिथियों में शिव के इन स्वरूपों का विशेष और सरल मंत्रों से स्मरण मात्र चमत्कारी माना गया है। क्योंकि यह मुश्किल और अशुभ घड़ी से छुटकारा देने वाले होते हैं। जानते हैं शिव के एकादश रूद्र के ये सरल नाम मंत्र -
- सोमवार या शिव तिथि पर शिवलिंग की पंचोपचार पूजा के बाद मन ही मन या रुद्राक्ष माला से कुश आसन पर बैठ इन मंत्रों का जप करना मंगलकारी व मनोरथ सिद्धि करने वाला होता है -
ऊँ अघोराय नम:
ऊँ पशुपतये नम:
ऊँ शर्वाय नम:
ऊँ विरूपाक्षाय नम:
ऊँ विश्वरूपिणे नम:
ऊँ त्र्यम्बकाय नम:
ऊँ कपर्दिने नम:
ऊँ भैरवाय नम:
ऊँ शूलपाणये नम:
ऊँ ईशानाय नम:
ऊँ महेश्वराय नम:
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
30 अक्तूबर 2011
सोमवार - करें शिव के इन 11 चमत्कारी मंत्रों का स्मरण
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