हमेशा से यह कहा जाता है कि एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है और सही मायने में ये सौ फीसदी सच है।
लेकिन कुछ दुलर्भ तस्वीरें ऐसी भी होती हैं जो कि हजार शब्दों से ज़्यादा भी कुछ बयां करती हैं। ये बयां करती हैं खुद में छुपी एक दर्दनाक दास्तां को और सदियों तक विश्व को इतिहास का आइना दिखाती रहती हैं।
प्रस्तुत हैं दुनिया को झकझोर देने वाली ऐसी ही कुछ तस्वीरें....
लेकिन कुछ दुलर्भ तस्वीरें ऐसी भी होती हैं जो कि हजार शब्दों से ज़्यादा भी कुछ बयां करती हैं। ये बयां करती हैं खुद में छुपी एक दर्दनाक दास्तां को और सदियों तक विश्व को इतिहास का आइना दिखाती रहती हैं।
प्रस्तुत हैं दुनिया को झकझोर देने वाली ऐसी ही कुछ तस्वीरें....
2004 में भारत में आए सूनामी की तस्वीर। यह तस्वीर रायटर के फोटोग्राफर अर्को दत्ता द्वारा तमिनाडु में खींची गई थी।
न्यूयार्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड टावर पर आतंकी हमले की यह तस्वीर स्टीव लुडलम द्वारा खींची गई थी।
'पावर ऑफ वन' शीर्षक से मशहूर यह तस्वीर 2006 में इज़रायली फोटोग्राफर ने खींची।
हैती में वर्ष 2008 में आए भयानक तूफान से प्रभावित बच्चे की यह तस्वीर मियामी हेराल्ड के फोटोग्राफर पैट्रिक फैरेल ने खींची थी।
6 अक्टूबर 1976 को हुए थामैसेट यूनिवर्सिटी नरसंहार की इस तस्वीर को 1977 में पुलित्ज़र पुरस्कार दिया गया था। इसे नील यूलेविक ने खींचा था।
लीबिया सिविल वार की यह तस्वीर लॉस एंजिल्स टाइम्स के फोटोग्राफर कौरोलिन कोल ने खींची थी।
कुकेस, अल्बानिया में कैंप लगाकर रह रहे कोसोवो शरणार्थियों की इस तस्वीर के लिए कैरोल गुज़ी को वर्ष 2000 में पुलित्ज़र पुरस्कार मिला था।
26 साल पहले भारत के भोपाल में हुए भयानक गैस लीक हादसे में 15,000 से अधिक लोग मारे गए थे। इस तस्वीर को खींचा है पाब्लो बार्थोलोम्यू ने।
बम धमाके में घायल हुए एक 9 साल के इरानी बच्चे की यह विश्वप्रसिद्ध तस्वीर पुलित्जर पुरस्कार विजेता डैनी फिट्जम्यूरिक ने खींची थी।
1985 में कोलंबिया में ज्वालामुखी विस्फोट के बाद कीचड़ के कारण विनाश की इस घटना की यह तस्वीर फ्रैंक फोर्नियर ने खींची थी। इस हादसे में 25,000 से अधिक लोग मारे गए थे।
सादर आभार इन कालजयी फोटोग्राफ्स से रूबरू करवाने के लिये....
जवाब देंहटाएंविशेष रूप से लीबिया सिविल वार की कौरोलिन कोल द्वारा ली गयी तस्वीर तो सकारात्मक तरीके से तारीख को बयान देती है...