उदयपुर में अब तक दर्ज हुए मामलों में कोई निष्कर्ष नहीं निकला है।पुलिस द्वारा आईटी एक्ट 2000 में प्रावधानों के मुताबिक जांच नहीं करने, कमजोर साक्ष्य प्रस्तुत करने का लाभ आरोपियों को मिला है। धोखाधड़ी के दो मामलों में आरोपी की गिरफ्तारी के बावजूद उसे आसानी से जमानत मिल गई।
चार वर्ष पूर्व ऑनलाइन लॉटरी से धोखाधड़ी में नाइजीरियन फेथ ऑनियानों को पकड़ा गया। इसी तरह दीप्ति कौशल के मामले में भी पांच नाइजीरियन गिरफ्तार किए जो जमानत पर रिहा हो गए।
फेस बुक पर फर्जी एकाउंट की शिकायत लेकर कॉलेज छात्रा अनुराधा (परिवर्तित नाम) ने पुलिस में संपर्क किया तो उसे अलग, अलग थानों के चक्कर लगाने पड़े।
उदयपुर में ही मार्केटिंग करने वाले अंकित सिसोदिया के मोबाइल नंबर को किसी ने लड़की के नाम से अश्लील वेबसाइट पर डाल दिए। फोन से परेशान युवक ने अंबामाता थाने संपर्क किया तो वहां नियुक्त अधिकारी ने मुकदमा दर्ज करने से इंकार कर दिया।
प्राइवेट स्कूल की अध्यापिका फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाए जाने की शिकायत लेकर गोवर्धन विलास थाने पहुंची, लेकिन पुलिस अधिकारी के मुकदमा दर्ज करने से मना कर दिया।
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