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29 सितंबर 2011

साइबर दुनिया में भी अब अण्णागीरी


रालेगण सिद्धि. सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे ने इंटरनेट की दुनिया में प्रवेश करते हुये गुरुवार को अपने पहले ब्लाग संदेश में सरकार के एजेंटों और बिचौलियों पर कड़ा प्रहार किया। अण्णा ने अपने गांव रालेगणसिद्धि से अपने ब्लाग पर मराठी और अंग्रेजी भाषा में पहला संदेश जारी किया जिसका मराठी भाषा में शीर्षक था क्रांती मोठच्या पल्ल्याची लढ़ायी (क्रांति:अभी लम्बी लड़ाई है)।

उल्लेखनीय है कि राजधानी नई दिल्ली के रामलीला मैदान पर अण्णा के १२ दिवसीय अनशन को समाप्त कराने के लिये केन्द्र सरकार की ओर से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री विलासराव देशमुख, सांसद संदीप दीक्षित तथा भैय्यू जी महाराज की ओर से कोशिश की गई थी। देशमुख पर महाराष्ट्र में आदर्श सोसाइटी घोटाले मे ंशामिल होने का आरोप है।

अण्णा ने देशमुख का नाम नहीं लेते हुए कहा कि उन्होंने सरकार का प्रतिनिधि मानते हुये इन लोगों से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि यह उनकी नहीं बल्कि सरकार की जिम्मेदारी थी कि वह यह जांच पड़ताल करे कि उनके प्रतिनिधि भ्रष्ट या साफ सुथरी छवि वाले लोग हैं या नहीं। अण्णा ने कहा कि रामलीला मैदान पर अनशन सत्याग्रह के दौरान सरकार ने आंदोलन तोड़ने की हर तरीके से कोशिश की।गांधीवादी नेता ने देश की जनता का आभार व्यक्त किया कि उनके सक्रिय सहयोग के कारण आंदोलन को तोड़ने की कोशिशें सफल नहीं हो पायीं।

ब्लाग पर पहला संदेश

अण्णा ने ब्लाग पर पहले संदेश में कहा कि क्रांति की शुरुआत हो गई है लेकिन बड़ी लड़ाई अभी बाकी है। सरकार से जुड़े कुछ लोग यह झूठा दावा कर रहे हैं कि रामलीला मैदान पर अगस्त महीने में किया गया अनशन उन्होंने समाप्त कराया। सरकार की ओर से जनलोकपाल विधेयक के बारे में आश्वासन मिलने के बाद अपनी अन्तर आत्मा की पुकार पर उन्होंने अपना अनशन समाप्त किया था।यह पूरी तरह मेरा फैसला था तथा किसी बिचौलिये को इसका Ÿोय नहीं लेना चाहिए। अनशन समाप्त कराने का दावा करने वाले लोग देश की जनता और भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दुश्मन हैं।

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