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07 सितंबर 2011

आतंकवाद रोकने के लियें देश में अलग से आतंकवाद निरोधक मंत्रालय स्थापित करना आवश्यक

दोस्तों देश में सभी सुरक्षा प्रयासों के बाद भी अगर आये दिन अचानक बम विस्फोट से निर्दोषों की म़ोत होने लगे और यह सिलसिला इतने शक्तिशाली परमानुधारक देश में रोज़ की घटना बन जाए तो फिर तो हमे नींद से जागना होगा देश के आतंकवाद कारण जानकार उसकी तह तक पहुंच कर या तो आतंकवाद पनपने के कारणों को बातचीत से खत्म करना होगा और जो लोग बातचीत की भाषा नहीं जानते हैं उन्हें हमारे देश में हो तो यहाँ और दुसरे देश में हों तो वहां खोज खोज कर मारना होगा ........दोस्तों हमारा देश और हमारे देश के लोग रोज़ रोज़ के इस युद्ध से तंग आ गये हैं पर्दे के पीछे रहकर निर्दोषों की हत्या एक जघन्य काण्ड है और यह माफ़ी के लायक नहीं .........हमारे देश में आतंकवाद और दूसरी खबरों की पूर्व सूचनाये एकत्रित करने के लियें कई जांच एजेंसिया कार्यरत हैं उनका कार्य घटनाओं को क्रियान्वित करने के प्रयासों को निष्फल करने के लियें सूचनाये एकत्रित करना और ऐसे लोगों को धर दबोचना है लेकिन आप और हम जानते हैं के यह एजेंसियां अब राजनितिक उतार चढाव और आन्दोलन कारियों उनके मुद्दों और उनके नतीजों पर भी आंकड़े और सूचनाये एकत्रित करने में लग गये हैं इनका उपयों राष्ट्र के लियें कम और देश की सत्ताधारी पार्टी के लियें अधिक होगया है एक तो इस राष्ट्रिय अपराध को सबसे पहले रोकना जरूरी है दुसरे हमारे देश में आतंकवाद क्या है .यह विभिन्न समाजों में अचानक क्यूँ पनप रहा है इसके कारण क्या है इसका निस्तारण केसे हो सकता है आतंकवाद से प्रभावित लोग कोन है उन्हें पुनर्वासित करने के लियें क्या योजना है आतंकवाद के दोषी लोगों को सज़ा दिलवाने के लियें सरकार और अधिकारीयों की क्या भूमिका है और आतंकवाद के लियें ज़िम्मेदार कारणों को केसे खत्म कर सकारात्मक माहोल बनाया जाए इन सभी प्रयासों के बाद भी अगर कोई समूह अपनी आतंकवादी हरकतों से बाज़ नहीं आता है तो उसे केसे जड मूल से नष्ट किया जाए ..अगर इसकी जड़े विदेश में हो तो वहां घुस कर आतंकवादियों को और आतंकवाद को पनाह देने वालों को केसे तबाह किया जाए इस पर विचार और कार्य के लियें देश में एक प्रथक से आतंकवाद मंत्रालय की स्थापना करना जरूरी हो गया हैं ...... हमारे कुरान में एक आयत सुरे तोबा है जिसको पढने के पहले बिस्मिला हिर्रहमा निर्राहीम नहीं पढ़ा जाता है यानी इस आयत को पढने के पहले खुदा का नाम नहीं लिया जाता है उसमे दुश्मन से केसे निपटना चाहिए उसका तरीका बताया गया है .श्री भगवत गीता में भी दुश्मन कोई भी हो उसका नरसंहार केसे किया जाए उस बारे आदेश दिया गया है ..तो दोस्तों हमारे नेताओं और अमेरिका के आगे नोकरों की तरह से घुग्घू बन कर रहने वाले लोगों को कुरान और गीता का पाठ पढ़ाया जाना जरूरी है अगर हमारा देश का दुश्मन किसी भी देश में जा कर छुपा हो और वोह देश हमे उस दुश्मन को ना दे तो उस देश से युद्ध करने उसे बर्बाद कर उस दुश्मन को सजा देने का कानून हमारे देश में पारित किया जाए और फिर इस काम में जो भी देश बाधा बने उसे भी दुश्मन मानकर खत्म कर दिया जाए ऐसा एलान हमे विश्व में करना होगा तब कहीं जाकर हमारे देश के लोग सुकून से जी सकेंगे हमारे देश के दुश्मन पाकिस्तान में छुपे हो हमे उनकी सारी करतूतों की जानकारी हो हमारे पास सबूत हों और हम अमेरिका से पूंछे के देख लोग उसे समझा लो और अमेरिका हमे समझाए के बातचीत से मामला सुलझा लोग और चुप बेठ जाए अगर ऐसा होता रहा तो फिर हमे ऐसे हमलों से सिर्फ भगवान खुदा ही बचा सकता है ..तो दोस्तों हमे मजबूत होना होगा हमें ताकतवर बन कर विश्वव्यापी एलान करना होगा के अगर हमारे देश के किसी भी दुश्मन को किसी भी दुसरे देश ने पनाह दी तो उस देश का नक्शा हम मिटा देंगे और ऐसे एक दो करिश्मे कर के हमे बताना भी होंगे तब कहीं हम सुरक्षित रह पाएंगे वरना अमेरिका के आगे घुटने देख कर हम अगर अमन और सुकून की भीख मांगेंगे तो हमे सिर्फ और सिर्फ ठोकरों के सिवा कुछ ना मिलेगा ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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