नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में हाईकोर्ट के बाहर हुए आतंकी हमले के बाद कांग्रेस और सरकार के प्रति लोगों का जबरदस्त गुस्सा नजर आ रहा है। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी राम मनोहर लोहिया अस्पताल घायलों को देखने पहुंचे तो वहां लोगों ने उनके और कांग्रेस के खिलाफ नारे लगाना शुरू कर दिया। वहीं, बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी और भाजपा नेता विजय कुमार मल्होत्रा भी जब अस्पताल पहुंचे तो एक मृतक के पिता ने उन्हें बोलने से रोक दिया। मृतक के पिता ने कहा कि उन्हें नेताओं के भाषण की जरूरत नहीं है।
केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम को भी नेता-अभिनेता सभी सार्वजनिक रूप से कोस रहे हैं। सवाल कई मुद्दों को लेकर उठ रहे हैं। बम धमाके में मारे गए और घायल लोगों के प्रति संवेदना दिखाने के लिए संसद की कार्यवाही स्थगित करने पर तो सत्ताधारी कांग्रेस के सांसद ने ही सवाल उठाया है। शशि थरूर ने कहा है कि कार्यवाही स्थगित करने के बजाय संसद के काम करते रहने से आतंकवादियों को कड़ा संदेश जाता।
थरूर ने ट्वीट कर कहा, 'दिल्ली धमाका पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए संसद की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है। देश का काम चलने देने से ज्यादा मजबूत संदेश जाता। दुनिया को पता चलता कि आतंकी हमले हमें रोक नहीं सकते।' प्रीतीश नंदी सहित कई हस्तियों ने शशि थरूर की राय से सहमति जताई। उन्होंने ट्वीट किया, 'मैं शशि जी आपकी बात से सहमत हूं। संसद चलती रहनी चाहिए थी। हम आतंक से डर नहीं सकते।'
उधर, सदन के भीतर जद (यू) अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, 'गृहमंत्री जी यहां से एक किलोमीटर दूर यह घटना हुई है। कभी हमसे भी राय ले लीजिए। हम आपके सहयोग में खड़े हैं। पूरा देश आपके साथ खड़ा है। सबकी राय लें।'
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
07 सितंबर 2011
नेताओं पर भड़का गुस्सा: राहुल के खिलाफ नारेबाजी, मल्होत्रा को बोलने से रोका
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