नई दिल्ली. बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर काउंटर पर हुए विस्फोट के तीन घंटे बाद मीडिया संस्थानों को जो ईमेल भेजा गया था, उसका कोई सुराग अब तक हाथ नहीं लगा है। मदद के लिए अमेरिका में गूगल मुख्यालय को चिट्ठी लिखी गई है। अब तक की जांच से बस इतना पता चला है कि harkatuljihadi2011@gmail.com (जिस आईडी से मेल भेजा गया) आईडी बुधवार सुबह 7.30 बजे ही बनाई गई थी। इसे ऑटो डिलीट मोड में बनाया गया था, ताकि एक सप्ताह बाद (14 सितंबर को) यह आईडी अपने आप डिलीट हो जाए। आईडी बनाते समय बनाने वाले ने देश के कॉलम में पाकिस्तान भरा था। हालांकि इस बारे में कोई अंतिम नतीजा निकालने से पहले एनआईए की टीम गूगल की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक वे अभी इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) एड्रेस पता करने की कोशिश में हैं और इसके लिए गूगल से भी मदद मांगी है। धमाके के कुछ घंटे बाद ही इसकी जांच एनआईए को सौंप दी गई है। एनआईए ने इसके लिए 20 सदस्यों की टीम बनाई है। इसके महानिदेशक एससी सिन्हा ने बताया कि हूजी के धमाके की जिम्मेदारी लेने के दावे की जांच जारी है। विस्फोट स्थल से बरामद मलबा सीएफएसएल दिल्ली जांच के लिए भेजा गया है। गांधीनगर सीएफएसएल की एक टीम भी जांच में साथ है। सीएफएसल की रिपोर्ट आज आ सकती है।
दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर बुधवार की सुबह हुए शक्तिशाली बम धमाके में 11 लोगों की मौत हो गई। 76 लोग घायल भी हुए हैं। यह बम एक सूटकेस में रखा गया था। विस्फोट हाईकोर्ट परिसर के बाहर गेट नंबर 4 और 5 के बीच सुबह 10:14 बजे हुआ। तब सैकड़ों लोग व वकील परिसर में प्रवेश के लिए इंतजार कर रहे थे। संसद का सत्र जारी रहने की वजह से दिल्ली में हाई अलर्ट था। इसके बावजूद विस्फोट हुआ। गृह मंत्रालय ने इसे आतंकी हमला करार दिया है। देशभर में अलर्ट जारी किया गया है। घायलों में से चार की हालत गंभीर है। घायलों को राम मनोहर लोहिया, एम्स और अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर गत २५ मई को भी आतंकियों ने धमाका किया था।
बुधवार को हुए धमाके की तीव्रता का अंदाजा इसी से लग जाता है कि इसकी चपेट में आए कुछ लोगों के हाथ व पैर धड़ से अलग हो गए। कुछ ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। धमाके की गूंज मौके से लगभग दो किमी दूर विजय चौक तक सुनाई दी। विस्फोट से करीब एक फुट गहरा और चार फीट चौड़ा गड्ढा हो गया। गृहमंत्री पी चिदंबरम ने संसद में एक बयान में इस हमले को आतंकी कार्रवाई बताया। उन्होंने कहा कि इस भीषण जुर्म के पीछे जिन लोगों का हाथ है उन्हें कठघरे में खड़ा किया जाएगा।
धमाके के करीब तीन घंटे बाद हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (हूजी) ने कुछ मीडिया समूहों को भेजे ई-मेल में इस हमले को अंजाम देने का दावा किया। ई-मेल के अनुसार अफजल गुरु को फांसी की सजा माफ कराने के लिए यह विस्फोट किया गया। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट उसके निशाने पर हैं। संसद पर हमले के मामले का मुजरिम अफजल फिलहाल जेल में बंद है।
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