नई दिल्ली. लालकृष्ण आडवाणी और नरेंद्र मोदी के बीच मतभेद की खबरों के बीच भारतीय जनता पार्टी की दो दिनों तक चलने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुक्रवार को राजधानी में जारी है। बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा शामिल नहीं हो रहे हैं। लेकिन शुक्रवार को पार्टी ने नेताओं के बीच मतभेद की खबरों से इनकार करते हुए मोदी के कार्यकारिणी में न शामिल होने के फैसले का बचाव किया। बीजेपी के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पार्टी में प्रधानमंत्री पद के लिए कई योग्य नेता हैं और समय आने पर उम्मीदवार पर निर्णय लिया जाएगा।
प्रसाद ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के पहले दिन मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी एक योग्य नेता हैं। उन्होंने पार्टी के भीतर किसी भी तरह की कलह या गुटबाजी की खबरों को बेबुनियाद बताया। वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने कलह की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कलह बीजेपी में नहीं बल्कि कांग्रेस में है। पार्टी एक अन्य प्रवक्ता बलबीर पुंज ने कहा कि अगर मोदी को मौका मिले तो वह देश के बेहतरीन प्रधानमंत्री साबित होंगे। मोदी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल न होने पर उनके और आडवाणी के बीच मतभेद की खबरों ने तेजी पकड़ी है।
भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते कुछ हफ्ते पहले येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ी थी। नरेंद्र मोदी के कार्यकारिणी में न आने पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी का कहना है कि नवरात्रि की वजह से मोदी इस अहम बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। लेकिन मीडिया में सूत्रों के हवाले जो खबर सामने आ रही है उसके मुताबिक आडवाणी की प्रस्तावित जन चेतना यात्रा के गुजरात की जगह उत्तर प्रदेश-बिहार की सीमा से शुरू होने और यात्रा को नीतीश कुमार द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किए जाने से मोदी बिफरे हुए हैं। आडवाणी और मोदी के बीच मतभेद की खबरों ने तभी से जोर पकड़ लिया था, जब से आडवाणी ने जयप्रकाश नारायण की जन्मस्थली सिताब दियारा से अपनी रथयात्रा की शुरुआत करने का फैसला किया था।
सितंबर में ही मोदी के सद्भावना मिशन के तहत उपवास पर बैठने पर आडवाणी ने उनके समर्थन में अहमदाबाद की यात्रा की थी। लेकिन नीतीश की पार्टी जेडी(यू) ने इस उपवास से दूरी बनाई थी। जेडी(यू) ने मोदी को बतौर प्रधानमंत्री पेश किए जाने पर भी आपत्ति जताई थी। इससे पहले भी बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश ने मोदी को प्रचार से दूर रखा था। इन्हीं घटनाओं की वजह से नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार में अनबन है।
आडवाणी की रथयात्रा 18 राज्यों और 3 केंद्रशासित प्रदेशों से होकर गुजरेगी। इसकी शुरुआत 11 अक्टूबर को सिताब दियारा से होगी। यात्रा के दौरान पटना में एक बड़ी रैली का आयोजन किया जाएगा। इसमें अरुण जेटली, सुषमा स्वराज के अलावा एनडीए के संयोजक शरद यादव भी शामिल होंगे। लेकिन नरेंद्र मोदी इस रैली में शामिल नहीं होंगे। समझा जाता है कि नीतीश कुमार को नाराज न करने की नीति पर चलते हुए बीजेपी ने मोदी को पटना की रैली से दूर रखने का फैसला किया है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
30 सितंबर 2011
आडवाणी को मोदी की चुनौती, प्रवक्ता ने बताया- सबसे बेहतरीन पीएम साबित होंगे नरेंद्र
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