पंचायतों में सूचना प्रौद्योगिकी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तैयार किए जा रहे इन केंद्रों के समय पर पूरा नहीं होने से समय रहते इनके उद्देश्यों की प्राप्ति में भी देरी हो रही है।
अब राज्य सरकार ने पंचायत समिति पर 15 सितंबर और ग्राम पंचायतों पर 30 अक्टूबर से पहले इन केंद्रों को तैयार करने की अंतिम तिथि दी है। इससे पहले पांच बार तिथियां बदली जा चुकी हैं।
राज्य की 9177 ग्राम पंचायतों और 248 पंचायत समितियों में कुल 9425 राजीव गांधी सेवा केंद्र बनने हैं। इनके लिए बजट भी जारी किया जा चुका है। बावजूद इसके अभी तक 4230 ग्राम पंचायतों और 201 पंचायत समितियों में ही राजीव गांधी सेवा केंद्र बनकर तैयार हो पाए हैं।
बाकी स्थानों पर अभी तक काम जारी है। इनमें से 1489 ग्राम पंचायतों में फिनिशिंग कार्य, 786 में छत डालने का कार्य , 1045 छत डालने, 803 में लिंटल स्तर तक और 521 में प्लिंथ लेवल तक ही काम हो पाया है।
वहीं 125 ग्राम पंचायतों में तो नींव खुदाई और 117 में नींव में क्रकीट भराई का काम हो पाया है। क्या है कारण पंचायती राज विभाग के ही अधिकारियों के अनुसार पहले बजट और उसके बाद जमीनों के विवाद के कारण इन केंद्रों के निर्माण के काम में देरी हुई।
इसके बाद कुछ मामलों में ठेकेदारों ने कम रेट्स भर दी और अब भाव बढ़ गए, ऐसे में सामग्री की सप्लाई में भी देरी हो गई। कई मामलों में सरपंचों की अरुचि के कारण भी विलंब हुए हैं।
सुविधाओं से वंचित रहेंगे
निर्माण में देरी से ग्राम पंचायत स्तर पर आम लोगों को मिलने वाली सूचना प्रौद्योगिकी, सभी प्रमाण-पत्र मिलने और कंप्यूटर प्रशिक्षण आदि सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है।
मॉनिटरिंग तेज
राज्य सरकार ने अब इस मामले में मॉनिटरिंग तेज कर दी है। अधिकारियों का दावा है कि अक्टूबर के आखिर तक सभी केंद्र तैयार हो जाएंगे और इनका उपयोग शुरू हो जाएगा।
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