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12 सितंबर 2011

पांच साल बाद गांधीसागर 1300 फीट पार

कोटा.एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील गांधीसागर में पांच साल बाद सोमवार को इसका जलस्तर 1300.2 फीट तक पहुंच गया। चंबल नदी पर बने राणाप्रताप सागर (1157 फीट), जवाहर सागर(955 फीट) और कोटा बैराज (853) डेम का जलस्तर इसकी भराव क्षमता पर निर्भर है। इससे चंबल की दाई और बाई नहरों को 100 दिन तक भरपूर पानी मिलेगा। इससे मध्यप्रदेश और राजस्थान के 23 हजार 25 वर्ग किलामीटर कैचमेंट एरिया में सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिलेगा। इससे चंबल सहित 7 बड़ी नदियां जुड़ी हुई हैं।

बांध लबालब हैं और नदियां तट तोड़ कर बह रही हैं। हाड़ौती में औसत से अधिक बरसात से नदी-नालों में पानी की जबर्दस्त आवक हुई है। चारों जिलों के 87 छोटे-बड़े बांधों में से 66 बांध पूरे भर चुके हैं, जबकि बचे हुए 21 बांधों में भी 75 फीसदी पानी है। कहीं इससे ज्यादा पानी है। जाहिर है कि इस बार न सिर्फ सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी रहेगा।वहीं पेयजल की किल्लत से भी निजात मिलेगी। बांधों के पूरा भरने से भूजल रिचार्ज रहेगा। 150 एमसीएफटी (मिलियन क्यूबिक फीट) भराव वाले 30 बांध पानी से लबालब हो चुके हैं, वहीं इससे कम भराव वाले 36 बांध पूरे भर चुके हैं। चंबल का मुख्य जलाशय गांधीसागर बांध जो मध्यप्रदेश की सीमा में है।

वह भी 12 फीट ही खाली रहा है। यह बांध 1312 फीट भराव क्षमता के मुकाबले 1300 फीट भर गया है। इस बांध से हाड़ौती के तीन जिलों कोटा, बारां और बूंदी में 2 लाख 29 हजार हैक्टेयर में सिंचाई होती है तथा मध्यप्रदेश में भी इतनी ही भूमि सिंचित होती है। इस बांध में इतना पानी आ चुका है कि इस वर्ष रबी के सीजन में पूरे समय 180 दिन नहरें चलने के साथ ही अगले साल भी काम चल सकता है।

अन्य छोटे-बड़े बांधों से भी 2 हजार हैक्टेयर से लेकर 10 हजार हैक्टेयर तक भूमि सिंचित होती है। कोटा के पास आलनिया बांध भी पूरा भर चुका है। इससे 8 हजार हैक्टेयर भूमि सिंचित होती है। राणाप्रताप सागर बांध का जलस्तर 1157.50 की तुलना में 1146.50 फीट हो गया है। अब बांध मात्र 11 फीट ही खाली है। जवाहरसागर बांध का जलस्तर 979.60 फीट पर स्थिर रखा जा रहा था, यहां पन बिजलीघर से उत्पादन कर पानी छोड़ा जा रहा है।

2006 में3 बार खुले थे 19 गेट

गांधी सागर की कुल भराव क्षमता 1312 फीट है, 2006 में 1313 फीट जलस्तर होने पर इसके सभी 19 गेट तीन बार खोले गए थे। इस साल कुछ दिन और बरसात जारी रही और जलस्तर बढ़ा तो इसके गेट खुलने की संभावना रहेगी

एक्सपर्ट व्यू

3 साल तक सिचाई का पानी

गांधीसागर का जलस्तर इस साल 53 फीट बढ़कर 1300.2 फीट तक पहुंचा है। 2010 में यह 16 फीसदी(1259 फीट) भरा था, इस साल यह 68 फीसदी भर चुका है, यानि पिछले साल से 6 गुना ज्यादा पानी आया है। इससे अगले 3 साल तक सिंचाई में कमी नहीं आएगी, क्योंकि 100 दिन नहरें चलने और हाइडल से बिजली उत्पादन होने पर भी इसका लेवल 25-30 फीट से ज्यादा कम नहीं होगा। इससे रबी और खरीफ की पैदावार, बिजली उत्पादन, मछली उत्पादन बढ़ेगा। भूजल स्तर बढऩे से ट्यूबवैल, कुएं आदि का जलस्तर भी बढ़ेगा। गर्मी में पेयजल आपूर्ति का संकट खत्म होगा।

- पीडी गुप्ता, सब इंजीनियर, गांधीसागर

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