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22 सितंबर 2011

दुनिया भर में भारतीय शुक्राणुओं की हुई किल्लत

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विदेशों में रह रहे संतानहीन प्रवासी भारतीयों को भारतीय शुक्राणु नहीं मिलने से परेशान हैं। खबर है कि विश्व के शीर्षस्थ शुक्राणु बैंक ने कहा कि भारत द्वारा निर्यात प्रतिबंधित होने के कारण भारतीयों का शुक्राणु मिलना कठिन है।

समाचार पत्र डेली टेलीग्राफ की रपट के अनुसार क्रियोस इंटरनेशनल के एक अधिकारी ने बताया कि इससे संतानहीन प्रवासी भारतीयों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

बैंक द्वारा कम मांग के कारण लाल बालों वाले दाताओं को मना किया जा रहा है। क्रियोस के निदेशक ओले शाउ ने कहा कि हाल के वर्षों में इसके दानदाताओं की संख्या में वृद्धि हुई है जो मांग से काफी ज्यादा है।

लाल बालों वाले दानदाताओं की सबसे ज्यादा मांग आयरलैंड में है।

भूरे बालों एवं भूरी आंखों वाले दानदाताओं की मांग है क्योंकि बैंक के सबसे ज्यादा उपभोक्ता इटली, ग्रीस और स्पेन में हैं।

डेनमार्क स्थित क्रियोस 65 देशों में शुक्राणु भेजता है।

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