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22 सितंबर 2011

एसीबी टीम पर हमले के आरोप में सीआई सहित 6 पुलिसकर्मी गिरफ्तार

कोटा.रिश्वत के मामले में एसीबी की कार्रवाई के दौरान डीएसपी पर हमला करने के आरोपी महावीर नगर थाने के तत्कालीन सीआई रामनारायण मीणा सहित छह पुलिसकर्मियों को बुधवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। मीणा अभी पुलिस लाइन के प्रभारी हैं।

इस घटना में एक एएसआई, दो हैडकांस्टेबल, 3 कांस्टेबल भी आरोपी हैं। हाईकोर्ट के निर्देश पर सीआईडी सीबी के आईजी की जांच में इन सबको दोषी पाया गया है।

यह घटना 31 जुलाई2009 की है। मामले में अगली सुनवाई 26 सितंबर को है। तलवंडी निवासी यशवीर सिंह ने एसीबी में शिकायत की थी कि तत्कालीन सीआई रामनारायण मीणा एक मामले को रफा-दफा करने के लिए 10 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं। एसीबी के डीएसपी विशाल शर्मा 31 जुलाई की रात टीम के साथ कार्रवाई करने पहुंचे थे।

वे जब फरियादी यशवीर व सीआई रामनारायण मीणा को लेकर जा रहे थे तो महावीर नगर पुलिस के जवानों ने यशवीर पर हमला कर दिया था। बचाने आए डीएसपी शर्मा पर भी पुलिसकर्मी पिल पड़े थे।

सीआई रामनारायण मीणा, एएसआई जकीयुद्दीन, हैडकांस्टेबल बाबूलाल, जवाहर लाल, कांस्टेबल भूपालसिंह, किशन सिंह व मुरारी लाल ने उनके कागजात फाड़ने का प्रयास किया था और डीएसपी के साथ अभद्रता की।

इस मामले में डीएसपी शर्मा ने इन सबके खिलाफ महावीर नगर थाने में मामला दर्ज कराया था। दो साल तक स्थानीय पुलिस इस मामले में टालमटोल करती रही। एसपी ने रिश्वत लेने के मामले में सीआई मीणा को सस्पेंड कर दिया था।

उसके बाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद वे वापस ड्यूटी आ गए। अभी वे पुलिस लाइन के प्रभारी हैं। फिलहाल ग्रामीण पुलिस लाइन में तैनात कांस्टेबल मुरारीलाल की गिरफ्तारी अभी बाकी है।

रिश्वत के मामले में फरियादी व मारपीट प्रकरण के चश्मदीद गवाह यशवीर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई और हाईकोर्ट से कार्रवाई किए जाने की मांग की। 21 जुलाई 2011 को हाईकोर्ट ने मामला सीआईडी सीबी के आईजी को दिया और दो माह में कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

इस पर सीआईडी सीबी ने मामले की जांच की तथा आरोपियों को राजकार्य में बाधा पहुंचाने, मारपीट व सबूत नष्ट करने का दोषी पाया। इसकी रिपोर्ट बुधवार को एसपी प्रफुल्ल कुमार को दी। प्रफुल्ल कुमार ने महावीर नगर सीआई रणविजय सिंह को इस पर कार्रवाई कर जांच के आदेश दिए थे।

न्याय की जीत

फरियादी यशवीर सिंह ने सीआई रामनारायण की गिरफ्तारी के बाद कहा कि पुलिस अपने कर्मचारियों को बचाने की कोशिश कर रही थी। आखिरकार उन्हें कार्रवाई करनी पड़ी। इस कार्रवाई से न्याय की जीत हुई है।

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