नई दिल्ली. अक्सर अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले भाजपा सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर अपनी पार्टी के लिए अटपटी स्थिति पैदा कर दी है। माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर के जरिए वरुण ने केजी बेसिन मामले में कैग की रिपोर्ट का मामला उठाया है।
पीलीभीत के युवा सांसद ने रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि किस तरह प्रतिस्पर्धा की नीति की धज्जियां उड़ाते हुए केजी बेसिन में ठेके दिए गए। सरकार को पूरी जानकारी दिए बगैर ही तेल व गैस की खोज हुई। वरुण ने कैग रिपोर्ट के हवाले से यह मुद्दा गरमाया है कि रिलायंस को जान-बूझकर तमाम नियम ताक पर रखकर फायदा पहुंचाया गया और अनाप-शनाप कीमत पर ठेका मिला। इसके आगे वह लिखते हैं कि उन्हें हैरानी है कि इतने बड़े घोटाले पर सरकार और विपक्ष दोनों खामोश कैसे बैठे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि इन दिनों वरुण गांधी कई अहम मुद्दों पर पार्टी से एक कदम आगे चलने का संकेत दे रहे हैं। इससे पहले अन्ना हजारे के आंदोलन में उन्होंने अपनी ओर से जन लोकपाल बिल का समर्थन कर दिया और उसे संसद में पेश करने का एलान कर दिया। उसके बाद वह रामलीला मैदान जाकर आंदोलन में बाकायदा शरीक भी हुए।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
09 सितंबर 2011
कैग की रिपोर्ट को लेकर वरुण गांधी ने अपनी ही पार्टी, भाजपा को लपेटा
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)