जयपुर.एएनएम भंवरी देवी प्रकरण में नाम आने के बाद से नदारद रहे जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा 27 दिन बाद मंगलवार दोपहर चार बजे के बाद अचानक सचिवालय पहुंचे।
उन्होंने पीएचडी की नीति निर्धारण समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इसके बाद जैसे ही मीडिया ने भंवरी देवी से जुड़े सवाल पूछे तो उन्होंने पहले तो जवाब ही नहीं दिया, ज्यादा जोर देने पर कहा कि मामला कोर्ट में है, इसलिए वे कुछ नहीं कहेंगे। यह बैठक बोर्ड के अध्यक्ष मदेरणा के बिना हो नहीं सकती थी। कयास लगाए जा रहे है कि ऊपर से मदेरणा को कामकाज संभालने के निर्देश मिले हैं।
इससे पहले प्रकरण में नाम आने के बाद वे एक बार मीडिया से रूबरू हुए थे, लेकिन उस समय भी उन्होंने अपना वक्तव्य ही पढ़ा और सवालों का जवाब दिए बिना घर में प्रवेश कर गए थे। मदेरणा इस दौरान हुई केबिनेट की अनौपचारिक बैठक में भी शामिल होने के लिए नहीं आए थे।
उल्लेखनीय है कि रहस्यमय ढंग से लापता हुई भंवरी देवी का 27 दिन बाद भी अब तक पता नहीं चल पाया है। इसे लेकर हाईकोर्ट ने भी पुलिस और प्रशासन को विशेष हिदायतें दी हैं। बैठक में जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रामलुभाया के साथ विभाग के कई अधिकारी शामिल थे
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