नई दिल्ली.भाजपा नेता नोट के बदले वोट कांड में सुधींद्र कुलकर्णी को जेल भेजे जाने के आदेश से परेशान नहीं हैं। पार्टी ने दिल्ली पुलिस की ओर से कुलकर्णी की अंतरिम जमानत की अर्जी खारिज होने पर दिल्ली पुलिस व केंद्र सरकार को निशाने पर तो लिया लेकिन उसे ऐसा लग रहा है कि इससे उसके राजनीतिक ग्राफ में बढ़त होगी।
लिहाजा,पार्टी कानूनी और राजनीतिक, दोनों लड़ाई लड़ने को कमर कस चुकी है। कुलकर्णी लालकृष्ण आडवाणी के सहायक रहे हैं और नोट के बदले वोट कांड में उन्हें प्रमुख साजिशकर्ता बनाया गया है।
मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत में कुलकर्णी को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने पर भाजपा ने एक दफा फिर दिल्ली पुलिस की समझदारी पर सवाल खड़ा किया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने हैरानी जताई कि जब पुलिस खुद मान रही है कि इस मामले में रिश्वत दी गई तो फिर किसी को लालच देकर फंसाने का मामला कैसे बन सकता है।
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने भी ट्वीट किया कि जिन्होंने रिश्वत दी वे तो सरकार में है और पर्दाफास करने वाले जेल में। यह इस राज का अजीब इंसाफ है। प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि देश की जनता बार-बार यह सवाल कर रही है कि नोट के बदले वोट कांड का असली फायदे किसे मिला।
पार्टी के आला रणनीतिकार यह कहने से नहीं हिचकते कि अन्ना आंदोलन और घोटालों से देश के मध्य वर्ग में जबरदस्त गुस्सा है। ऐसे में पर्दाफाश करने वालों को जेल भेजने से जनता की भावना भाजपा के पक्ष में झुकेगी। यही वजह थी कि कुलकर्णी ने सुबह-सुबह ही अदालत परिसर में बयान दिया कि वह जेल जाने को तैयार हैं।
सूत्रों के मुताबिक आडवाणी की यात्रा में भी यह मुद्दा जमकर उछाला जाएगा। मंगलवार देर शाम आडवाणी के निवास पर पार्टी नेताओं की बैठक में भी इस मामले को लेकर भावी योजना पर चर्चा की गई।
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