मेक्सिको में कार्ला फ्लोर्स को 'मिरेकल वूमेन' कहकर पुकारा जाता है और इनकी तस्वीर देखकर आप भी अंदाज़ा लगा सकते हैं कि क्यों इन्हें 'मिरेकल वूमेन' कहा जाता है।
इनके साथ घटित हुआ हादसा बेहद दर्दनाक था। यह उस दिन हुआ, जब तीन बच्चों की मां कार्ला सिनोलोआ के कलिआकन में सड़क पर स्ट्रीटफूड बेच रही थी।
अचानक एक तेज धमाका हुआ और उनके मुंह कुछ काफी तेजी से टकराया। कार्ला को उस जगह काफी तेज जलन और दर्द महसूस हुआ। जब उन्होंने अपने चेहरे पर हाथ लगाया तो वो खून से लथपथ हो गया। कुछ ही देर में कार्ला बेहोश हो गई।
जब कार्ला को होश आया तो उन्होंने खुद को कलिआकन के एक अस्पताल मे पाया। उन्हें अंदाज़ा हो गया था कि उनके चेहरे में कोई रॉकेट घुस गया है।
शुरूआत में कार्ला और डॉक्टरों को नहीं समझ में आया कि उसके चेहरे में क्या घुसा है। डॉक्टरों ने जब उसके चेहरे का एक्स-रे किया तो वे चकित रह गए। कार्ला के चेहरे में एक ज़िंदा ग्रेनेड धंसा हुआ था, जो किसी भी वक़्त फट सकता था।
आनन-फानन में तुंरत अस्पताल को खाली कराया गया क्योंकि ग्रेनेड के फटने पर 32 फीट के दायरे में नुकसान हो सकता था।
बमुश्किल सांस ले पा रही कार्ला के जबड़े के बीच फंसे हुए ग्रेनेड को निष्क्रिय किया गया, लेकिन फिर भी कोई उसकी सर्जरी करने को तैयार नहीं था।
आखिरकार अस्पताल के प्रमुख डॉक्टर गैजिओला मेज़ा ने कार्ला की सर्जरी में स्वेच्छा से योगदान करने वाले को आगे आने को कहा। अंततः चार बहादुर व्यक्ति जिनमें फिलीप ओर्टिज, क्रिस्टीना सोटो, रोड्रिगो अरेडोंडो और लीडिया सोटो शामिल थे। साथ ही मेक्सिकन आर्मी के दो बारूद विशेषज्ञों ने भी अपना सहयोग दिया, ताकि विस्फोटक को जबड़े से बाहर निकाला जा सके।
कई घण्टों की अथक मेहनत और सूझबूझ के बाद डॉक्टर कार्ला को बचाने में कामयाब हो गए। कार्ला ने अपने आधे से अधिक दांतों को खो दिया है, लेकिन उसे इस बात की खुशी है कि वह ज़िंदा बच गई।
फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
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