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30 सितंबर 2011

अब सोचना शुरू कर देंगी मशीनें भी

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क्या आपको कभी यह लगा कि आप प्रतिष्ठित लेखकों की तरह अच्छा नहीं लिख पाते? क्या आपको कभी इस बात पर हैरत हुई कि आपके लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित क्यों नहीं हो पाते? बहरहाल, इस बारे में अब चिंता करने की जरूरत नहीं है, जल्द ही इसका समाधान मिलने वाला है।

क्या आपने सेतु सॉफ्टवेयर सिस्टम्स के बारे में सुना है? हैदराबाद स्थित यह नई कंपनी कुछ ऐसा काम कर रही है, जो संभवत: पत्रकारों व लेखकों के लिए प्रमुख चुनौती बन जाएगा। यह एक ऐसा कोड तैयार कर रही है, जो कंप्यूटर को इंसानी हस्तक्षेप के बगैर लेख लिखने लायक बना देगा।


मान लीजिए कि आप दो मोबाइल फोन मॉडल का तुलनात्मक विश्लेषण देखना चाहते हैं तो मशीन यह काम कर देगी और मोबाइल फोन के बारे में एक लेख भी तैयार कर देगी। इस तकनीक के जरिए मशीन 5 से 10 सेकंड में लेख तैयार कर सकती है, हालांकि इसके लिए कुछ घंटों की ट्रेनिंग की जरूरत होती है। सेतु में इस दिशा में पिछले दो साल से काम चल रहा है।


फिलहाल नई तकनीकों व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तलाश में लगी इस कंपनी ने माइक्रोसॉफ्ट इंडिया डेवलपमेंट सेंटर के पूर्व प्रबंध निदेशक, श्रिनि कोप्पोलु को भी बतौर एंजेल इन्वेस्टर व चेयरमैन अपने साथ जोड़ा है। हैदराबाद के इंडियन इंस्टीट्ïयूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईआईआईटी) में तैयार हुई सेतु कंपनी का फोकस एक ऐसे प्लेटफॉर्म पर है, जो तीन बिंदुओं पर काम करता है- छानबीन, विश्लेषण और संक्षिप्तीकरण।


सेतु की टीम ने जो प्रमुख बौद्धिक संपदा (आईपी) विकसित की है, उसने मुझे इस कंपनी की ओर आकर्षित किया। अब वह एक टीम बना रहे हैं और उस तकनीक के उत्पादीकरण पर फोकस कर रहे हैं, जो कंपनी में विकसित की गई है। जिस बात ने सेतु की ओर कई लोगों को खींचा, वह यह टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म ही था। अब यह टीम एक और टीम तैयार करने और इस तकनीक को अगले स्तर तक ले जाने की योजना बना रही है। सेतु की 20 लोगों की टीम पिछले तीन साल से सर्च प्लेटफॉर्म पर काम कर रही है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहले ही कई पुरस्कार जीत चुकी है।


वे माइक्रोसॉफ्ट की तरह पेटेंट के लिए आवेदन कर रहे। सेमंतफायर सेतु की एक और तकनीक है, जो संक्षिप्तीकरण के लिए तैयार है। यह टेक्स्ट को पढ़कर उसका आशय निकालती है, जो मशीन को त्वरित निर्णय लेने में मदद करता है। इस तकनीक के अंतर्गत यदि 50 पेज के टेक्स्ट का इनपुट है और मशीन को इसका संक्षिप्तीकरण करना है तो आपको तकरीबन 250 शब्दों में इसका समुचित सारांश मिल जाएगा।


सेतु का सर्च इंजन प्लेटफॉर्म हिंदी, गुजराती और मराठी जैसी 70 से ज्यादा गैर-अंग्रेजी भाषाओं को सपोर्ट कर सकता है। कोई भी यूजर इस इंजन पर अपनी भाषा में जिज्ञासा पेश करते हुए विभिन्न भाषाओं में सर्च रिजल्ट पा सकता है। वे अब इस प्लेटफॉर्म पर आधारित विभिन्न एप्लीकेशंस की संभावना तलाश रहे हैं। यह समूह एजुकेशन सेक्टर पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। हालांकि सेतु ने कुछ कॉर्पोरेट ग्राहकों को इस तकनीक का लाइसेंस दे दिया है, लेकिन उसका फोकस हेल्थ सेक्टर समेत ऐसे सेक्टरों पर है, जिनका समाज पर व्यापक असर होता है।

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