जोधपुर।बहुचर्चित एएनएम भंवरी देवी अपहरण कांड की मुख्य कड़ी पीपाड़ का शहाबुद्दीन है। वही अपनी बोलेरो में भंवरी का अपहरण कर ले गया और उसी ने भंवरी को उत्तर प्रदेश की गैंग को सौंपा था। शहाबुद्दीन ने किसके इशारे पर भंवरी का अपहरण किया, यह खुलासा उसकी गिरफ्तारी के बाद ही हो पाएगा। पुलिस ने शहाबुद्दीन की सूचना देने वाले को इनाम देने घोषणा की है। पुलिस ने गुरुवार को उसके घर की तलाशी ली।
इस बीच पुलिस सीकर में पकड़े गए अशोक माली को झांसी से जोधपुर ले आई है। उससे गहन पूछताछ की जा रही है। अशोक ने अपने दो साथियों के नाम भी पुलिस को बताए हैं। पुलिस की इस मशक्कत के बावजूद भंवरी का अब तक सुराग नहीं लगा है। इस मामले में गिरफ्तार ठेकेदार सोहनलाल को गुरुवार को दुबारा कोर्ट में पेश कर 19 सितंबर तक पुन: रिमांड पर लिया गया है।
तीन दिन बाद फरार हुआ शहाबुद्दीन
भंवरी की गुमशुदगी दर्ज होने पर पुलिस ने पीएचईडी ठेकेदार सोहनलाल को हिरासत में लिया था। भंवरी सोहनलाल से कार के पैसे लेने का कह कर घर से निकली थी। सोहनलाल के कहने पर ही भंवरी बिलाड़ा आई थी, वहां से शहाबुद्दीन उसे अपनी बोलेरो में बैठा कर ले गया और यूपी की गैंग के हवाले कर दिया। शहाबुद्दीन तीन दिन तक पीपाड़ में रहा, वह 4 सितंबर को फरार हुआ और 5 सितंबर को अपहरण का मुकदमा दर्ज हो गया। तब से वह पुलिस के हाथ नहीं लगा।
अशोक ने पुलिस को गुमराह किया
पुलिस ने अपहरण कांड में सोहनलाल, शहाबुद्दीन और यूपी की गैंग के रूप में कड़ियां जोड़ी हैं। शहाबुद्दीन ने सोहनलाल का उपयोग किया और अशोक ने पुलिस को गुमराह कर दिया। पुलिस अशोक को सीधे झांसी और ओराई ले गई और वहां उसके कहे अनुसार जमीन की खुदाई की, मगर भंवरी का शव नहीं मिला। फिर वह अपने बयान से पलट गया। अशोक ने अब गहन पूछताछ के बाद अपने दो साथियों के नाम भी पुलिस को बताए हैं।
अशोक ने फंसाया परमानंद को
यूपी का अशोक माली अपने पिता के साथ पहले चूरू में रहता था। कुछ समय पहले वह आर्म्स एक्ट के मुकदमे में गिरफ्तार हुआ था। उसे शक था कि परमानंद भोजक की मुखबिरी से पुलिस ने उसे पकड़ा है। इसलिए अशोक ने पुलिस को अपने साथी के रूप में परमानंद का नाम बता दिया। पुलिस ने तीन दिन उससे पूछताछ की, गुरुवार को उसे छोड़ दिया।
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