इस बीच वहां से एक्टिवा पर आ रही एक युवती व उसकी बहन ने तड़पती महिला को फुटपाथ पर दर्द से कराहते देखा और मदद को दौड़ पड़ीं। फिर पुलिस व 108 एंबुलेंस को फोन किया। घायल महिला के साथ खुद एसएमएस अस्पताल भी गईं।
घायल महिला आपकी मां है? सवाल पर मददगार युवती तड़प उठी। उसने कहा कि क्या जरूरी है रिश्तेदार होना? मेरी मां का हादसा भी दुर्गापुरा में ही हुआ था। उनको भी अनजान फरिश्ते ने अस्पताल पहुंचाया था, हालांकि वे बच नहीं पाईं। जैसे हमने खोया, कोई और अपनी मां न खोये। मैंने उनको तड़पते देखा था। अब कोई हादसा देखती हूं तो एक बारगी मां आखों के सामने आ जाती हैं।
हादसे में घायल उगंता शर्मा (45) करौली जिले में नादौती के गांव कैमला की रहने वाले केदार शर्मा की पत्नी है। उन्हें अपनी बेटी रेखा को यहां बजाज नगर में एक डॉक्टर को चैकअप कराना था। इस पर उगंता, रेखा व उसकी बेटी गुरुवार शाम को करीब 6:30 बजे ट्रेन से गांधी नगर रेलवे स्टेशन पहुंची थीं।
पैदल चलते टक्कर मारी
उगंता, रेखा बच्ची के साथ स्टेशन से बाहर निकलीं और पैदल सड़क के किनारे बजाज नगर की तरफ चलने लगीं। इसी दौरान सरस डेयरी पुलिया की तरफ से तेज रफ्तार में आ रही एक इंडिका कार ने गांधी नगर रेलवे स्टेशन के समीप उगंता को टक्कर मारी। इससे कार की चपेट में आई उगंता कुछ दूर तक घिसटती चली गई।
वो मदद के लिए गिड़गिड़ाती रही, भीड़ फोटो खींच रही थी
हादसे के बाद कार चालक भाग गया। बायां हाथ व अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आने से उगंता फुटपाथ पर लेटी तड़प रही थी। रेखा दो वर्षीय बेटी को गोद में लिए भीड़ से मदद मांग रही थी, जबकि तमाशबीन मोबाइल कैमरों से कार व उगंता के फोटो खींच रहे थे। तभी दुर्गापुरा निवासी डॉ.सोनिया दत्त शर्मा व उनकी बहन शिवांगी आईं।
उन्होंने उगंता व रेखा को ढाढ़स बंधाया। आसपास के लोगों से पुलिस और एंबुलेंस को सूचना देने के लिए कहा। साथ ही उगंता को ले जाने के लिए दूसरी गाड़ी भी तलाशी। इस बीच 108 एंबुलेंस वहां पहुंची। एंबुलेंस के ईएमटी वाजिद अली और पायलट दिनेश से आग्रह कर सोनिया भी उगंता व उनकी बेटी रेखा के साथ अस्पताल गईं। शिवांगी को एक्टिवा से बुलाया।
उगंता व रेखा को देख अपनी कहानी याद आ गई
मैं अपनी बहन शिवांगी के साथ एक्टिवा से गांधीनगर स्टेशन गई थी। तभी देखा- पलटी हुई कार में सवार दो युवक बाहर निकलकर भाग रहे हैं और कार व डिवाइडर के बीच एक महिला फंसी हुई लहुलुहान हालत में पड़ी है। लोगों की मदद से मैंने व शिवांगी ने उसे फुटपाथ पर पहुंचाया। फिर 108 पर फोन किया।
मेरी मां चंद्रकला की दो वर्ष पहले पिताजी के साथ स्कूटर पर जाते वक्त सड़क हादसे में मौत हो गई थी। मां को तड़पते देखा था, इसलिए जब उगंता को उस स्थिति में देखा तो मां याद आ गईं। मेरी तरह किसी और बेटी को मां को सड़क हादसे में नहीं खोना पड़े। इसलिए मैं उनकी मदद करना चाहती थी। यही सोचकर कि शायद उस महिला की जान बच जाए।-जैसा यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज में लेक्चरर सोनिया दत्त ने फोन पर बताया।
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