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28 सितंबर 2011

जब गांधीजी कस्तूरबा को खींचकर दरवाजे तक लाए और बाहर फेंकने की धमकी दी

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नई दिल्ली.आधुनिक भारत के नायकों पर लिखी जीवनियों के एक नए संग्रह के जरिये उनका मानव अवतार एक बार फिर जीवंत हो उठा। ये जीवनियां प्रसिद्ध लेखक एवं पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी ने लिखी हैं जो महात्मा गांधी के पौत्र हैं।

जीवनियों के संग्रह 'ऑफ ए सर्टेन एज' में अपने योगदान से देश की किस्मत चमकाने वाली शख्सियतों जैसे महात्मा गांधी, आचार्य कृपलानी, जयप्रकाश नारायण, ज्योति बसु, कमलादेवी चट्टोपाध्याय एवं दलाई लामा के जीवन-वृत्तांत संकलित हैं।

यह संग्रह इन शख्सियतों की कमजोरियों, आशंकाओं, ताकतों और अल्पज्ञात उन विशिष्टताओं एवं गुणों की पड़ताल करता है, जिनकी बदौलत उन्हें ख्याति मिली।

लेखक ने संग्रह की शुरुआत अपने दादा महात्मा गांधी पर लिखे लेख से की है जिसमें उन्होंने गांधीजी के घर के माहौल और व्यावहारिकता का वर्णन किया है। साथ ही उन्होंने मोहनदास और उनकी पत्नी कस्तूरबा के बीच घरेलू नोकझोंक का जिक्र भी किया है।

गोपालकृष्ण गांधी ने कुछ उद्धरण महात्मा गांधी द्वारा लिखित आत्मकथा से लिए हैं। ये उद्धरण इस प्रकार हैं : "जब मैं डरबन में ठहरा हुआ था, मेरे दफ्तर का किरानी भी मेरे साथ रह रहा था..हमारे किरानियों में से एक ईसाई था जो 'पंचमा' (अछूत) माता-पिता से जन्मा था..घर पश्चिमी शैली में बना था और कमरों में गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं थी। हर कमरे में एक कटोरानुमा बर्तन रखा था।"

महात्मा गांधी ने लिखा है, "नौकर या सफाईकर्मी के बजाय कमरों की सफाई मेरी पत्नी और मैं किया करते थे।"

सभी किरानी अपने बर्तन खुद साफ करते थे लेकिन ईसाई किरानी चूंकि नया-नया आया था, इसलिए महात्मा गांधी ने कहा, "उसका कमरा साफ करने का दायित्व हमारा है।"

एक दिन कस्तूरबा और मोहनदास में 'अछूत' का बर्तन साफ करने को लेकर कहा-सुनी हो गई। तब गांधी कस्तूरबा को खींचकर दरवाजे तक ले गए और उन्हें उठाकर बाहर फेंक देने की धमकी दी।

कस्तूरबा ने चीखते हुए कहा, "मुझ में आप जैसी भावना नहीं है..।"

बाद में गांधी ने प्यार से कहा, "अगर मेरी पत्नी मुझे नहीं छोड़ सकती है तो मैं उसे कैसे छोड़ सकता हूं।"

1 टिप्पणी:

  1. Thanks for this information, in today's busy life we all left our values far behind, this will help us to remember that we are human beings and we have to live like a human, no body is superior and inferior on this earth everyone have right to live with their own dignity, inshaallah we all will follow this. Ameen..............

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