आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

12 सितंबर 2011

कीडे-मकौड़े खाकर और अपना मूत्र पीकर ज़िंदा रहा मैं'


| Email

बोल्विया में एक प्लेन क्रैश हादसे में बचे एक व्यक्ति ने जब अपनी दास्तां सुनाई तो बचाव दल के लोग सन्न रह गए। यह व्यक्ति 62 घंटों तक कीड़े-मकौड़े खाकर और अपना मूत्र पीकर ज़िंदा रहा।

बोल्वियन समाचार पत्र 'ला रोज़ेन' के हवाले से वाइडल ने बताया कि इस मुश्किल वक़्त में उसे स्काउट में सीखे गए गुर काम आए।

वाइडल ने बताया कि बचाव दल की नज़र में आने के लिए उसने जमीन पर अफने खून से तीर का चिह्न भी बना दिया था।

पेशे से दवाइयों और कॉस्मेटिक्स के सेल्समैन, 35 वर्षीय वाइडल बोल्वानिया से ट्रिनिदाद का हवाई सफर कर रहे थे। उड़ान के कुछ समय बाद ही प्लेन क्रैश हो गया।

वाइडल ने बताया कि वो विमान के पिछले हिस्से में बैठे थे और दुर्घटना के बाद उन्होंने खुद को घने जंगल में फंसा पाया। बचाव दल की एक नेवी पेट्रोल बोट ने दुर्घटना के 62 घण्टों बाद उन्हें ढ़ूंढ निकाला।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...