इस्लामाबाद. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के आतंकी गुटों से रिश्ते होने के आरोप और हक्कानी गुट के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान पर बढ़ रहे अमेरिकी दबाव के चलते दोनों देशों के रिश्ते और कटु होते दिख रहे हैं। पाकिस्तान में अमेरिका के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं तो पाकिस्तानी कबायली लोगों ने अमेरिका के खिलाफ 'जिहाद’ की धमकी दी है। अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर गुरुवार को हो रही सर्वदलीय बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसुफ रजा गिलानी के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
इस बीच, पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों का कहना है कि अफगान सीमा के पास अमेरिकी मिसाइल हमले में तीन लोगों की मौत हुई है। 'डॉन' अखबार ने इन अधिकारियों के हवाले से बताया है कि दो मिसाइलों से यह हमला मंगलवार को दक्षिणी वजीरिस्तान के वाना शहर में स्थित आतंकी ठिकानों पर किया गया।
पाकिस्तान में अमेरिका विरोधी भावनाएं भड़क रही हैं। कराची में बुधवार को सौ के करीब स्कूली बच्चों ने अमेरिका के विरोध में रैली निकाली। वे हाथों में पोस्टर लिए हुए थे, जिस पर लिखा था- अमेरिका सबसे बड़ा आतंकवादी है। पाकिस्तान में सत्तारुढ़ पीपीपी के सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने भी कराची स्थित अमेरिकी कॉन्सुलेट के बाहर प्रदर्शन किया। यूथ पार्लियामेंट के सदस्यों ने भी कराची प्रेस क्लब के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी आरोपों की निंदा की जिसमें कहा जा रहा है कि आईएसआई के हक्कानी गुट से रिश्ते हैं।
अमेरिका और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पीपीपी कार्यकर्ताओं ने अमेरिकी कॉन्सुलेट के सामने अमेरिकी झंडे भी जलाए। प्रदर्शनकारियों ने अपने राष्ट्रीय गान गाए और पाकिस्तानी सेना के समर्थन में नारेबाजी की।
पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर सीमावर्ती इलाकों में कबायली समुदाय के सैकड़ों लोगों ने अमेरिका के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व धार्मिक संगठन जमात-ए-इस्लामी ने किया। हाथों में अत्याधुनिक हथियार लिए और सिर पर रिबन बांधे प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी की। जमात-ए-इस्लामी के नेता सिराज उल हक ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘यदि अमेरिका पाकिस्तान पर हमला करता है तो हम अमेरिका के खिलाफ जिहाद का ऐलान करते हैं। पाकिस्तान की पूरी अवाम अमेरिका के खिलाफ जंग में एकजुट होगी और हम पाकिस्तानी सेना से कंधा से कंधा मिलाकर अमेरिका के खिलाफ आखिरी दम तक लड़ेंगे।’
इस बीच पीएम गिलानी ताजा हालात पर चर्चा के लिए गुरुवार को सभी दलों की बैठक कर रहे हैं। लेकिन इस बैठक में आतंक के खिलाफ अमेरिकी जंग में पाकिस्तान की ओर से आंख मूंद कर समर्थन दिए जाने और संसद में पारित दो प्रस्तावों पर अमल नहीं करने का मुद्दा उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
पीएमएल-एन ने अमेरिका की आतंक के खिलाफ जंग को ‘आतंक के खिलाफ तथाकथित जंग’ करार दिया है वहीं तहरीक -ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख और पूर्व क्रिकेटर इमरान खान ने मांग की कि पाकिस्तान खुद को इस जंग से अलग कर ले।
जमीयत उलेमा ए इस्लाम (एफ) के चीफ मौलाना फजलुर रहमान और जमात ए इस्लामी के अमीर सईद मुनव्वर हसन ने भी अमेरिकी जंग के खिलाफ आवाज उठाई है। नवाज शरीफ की अगुवाई में पीएमएल-एन के आला नेताओं की बैठक हुई जिसमें संसद के प्रस्तावों को लागू नहीं करने को लेकर गिलानी सरकार की आलोचना की गई। पार्टी ने अमेरिकी जंग को ‘आतंक के खिलाफ तथाकथित जंग’ करार दिया है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
28 सितंबर 2011
मिसाइल हमले में तीन मरे: अमेरिका के खिलाफ 'जिहाद' की धमकी, सड़कों पर उतरे पाकिस्तानी
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