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18 सितंबर 2011

गोपालगढ़ फायरिंग: सरकार नहीं जानती किसकी गोली से गई आठ जानें

जयपुर.भरतपुर जिले के गोपालगढ़ में दो समुदायों के बीच हुए हिंसक संघर्ष में मारे गए आठ लोगों की मौत के कारणों को लेकर सरकार चार दिन बीतने के बाद भी अनजान बनी हुई है। फायरिंग में मारे गए आठ लोगों की मौत किसकी गोली से हुई, इसकी जानकारी न मुख्य सचिव को है, न डीजीपी और न ही आला अधिकारियों को।

घटना को लेकर रविवार को सचिवालय में बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य सचिव एस.अहमद से जब यह पूछा गया कि आठ मौतें पुलिस की गोली से हुईं या आपसी संघर्ष में? तो उन्होंने कहा कि अभी दो मृतकों का पोस्टमार्टम किया गया है, जिनमें एक की मौत धारदार हथियार से और एक की मौत विस्फोटक या छर्रे लगने से हुई है, अन्य छह लोगों की मौत का कारण ज्ञात नहीं है।

अहमद ने कहा, पुलिस की गोली चलती तो बुलेट मिलती, जबकि एक मृतक के शरीर से छर्रे निकले हैं। छर्रे देशी कट्टे या अन्य हथियार से ही लगे हैं, ऐसे में यह पुलिस की गोली से हुई मौत नहीं हो सकती। दो शवों का पोस्टमार्टम किया गया है, छह का पोस्टमार्टम बाकी है।

परिजनों के नहीं आने के कारण छह शवों का पोस्टमार्टम नहीं हो सका था। बाकी लोगों का पोस्टमार्टम करने के लिए जयपुर से डॉक्टरों की टीम भरतपुर जा चुकी है, जहां परिजनों की उपस्थिति में उनका पोस्टमार्टम होगा। पोस्टमार्टम की वीडियो रिकॉर्डिग होगी।

गिरफ्तारी पर नहीं अभी शांति पर ध्यान

घटना के दोषियों की गिरफ्तारी के सवाल पर अहमद ने कहा कि फिलहाल हमारा ध्यान वहां शांति व्यवस्था बनाए रखने पर है। जहां तक गिरफ्तारियों का सवाल है तो जांच रिपोर्ट में तय हो जाएगा कि कौन दोषी है इसके बाद ही गिरफ्तारियां होंगी।

मुख्य सचिव ने कहा कि घटना सांप्रदायिक दंगा नहीं थी। यह गुर्जर और मेव समुदाय के बीच एक भूखंड के विवाद को लेकर हुई घटना थी। इसे सांप्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए।

पुलिस गोली नहीं चलाती तो 150 से ज्यादा लोग मारे जाते :

पुलिस की ओर से फायरिंग करने के सवाल पर मुख्य सचिव ने कहा कि वहां हालात ऐसे थे कि पुलिस अगर गोली नहीं चलाती तो वहां 150 से ज्यादा लोग मारे जाते। दोनों समुदायों की महा पंचायतें हुई थीं और वहां भारी भीड़ जमा हो गई थी।

मृतकों और घायलों की सूची जारी :

सरकार ने गोपालगढ़ की घटना के चार दिन बाद रविवार को आठ मृतकों और 21 घायलों की सूची जारी की। मुख्य सचिव ने बताया कि घायलों में 11 का एसएमएस अस्पताल जयपुर, चार भरतपुर और चार अलवर के सरकारी अस्पताल में उपचार चल रहा है।

दो घायलों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। अस्पतालों में भर्ती 11 घायलों को भोंथरे हथियारों की चोटें हैं, 6 को छर्रे लगने की चोटें, तीन लोग गोली लगने और एक व्यक्ति जलने से आई चोटों से घायल है। घायलों की स्थिति खतरे से बाहर है।

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