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18 सितंबर 2011

गोपालगढ़ में तनाव और भय के चलते पलायन जारी, कई बस्तियां हो गईं खाली

गोपालगढ़/ भरतपुर.पांच दिन बाद भी गोपालगढ़ में अभी न तनाव कम हुआ और न ही भय। रविवार को भी गोपालगढ़ सहित चार थाना क्षेत्रों व एक पुलिस चौकी क्षेत्र में कफ्र्यू दिन में भी जारी रहा। फ्लैग मार्च भी किया जा रहा है। इस दौरान केंद्रीय गृहराज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने भरतपुर के आरबीएम अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल-चाल जाना।

उन्होंने कांग्रेस नेताओं व अधिकारियों से वार्ता कर हालातों की जानकारी ली। बाद में उन्होंने मुर्दाघर के बाहर मृतकों के परिजनों को सांत्वना दी। उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

इससे पूर्व प्रेसवार्ता में सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए, गंभीर घायलों को 2-2 लाख व अन्य घायलों को एक-एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता, एक-एक आश्रित को सरकारी नौकरी व न्यायिक व सीबीआई की जांच, कलेक्टर व एसपी को हटाने के निर्णय लिए हैं।

जैसे निर्णय पहली बार लिए हैं। मृतकों के परिजनों की कलेक्टर व एसपी के खिलाफ हत्या की धारा में मामला दर्ज करने की मांग को भी मान लिया गया है। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि रिपोर्ट देने पर अवश्य दर्ज की जाएगी। सरकार दोषी व्यक्तियों को हरसंभव कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का प्रयास करेगी।

कांग्रेस सरकार सौहार्द का वातावरण बनाने के प्रयास में जुटी है और अन्य राजनैतिक पार्टियों को भी ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे अमन चैन छिने। पूर्व सांसद विश्वेंद्र सिंह के कहने पर उन्होंने मृतकों के परिजनों में से एक-एक व्यक्ति सहित दस जनों के प्रतिनिधि मंडल की राहुल गांधी से मुलाकात कराने कराने का आश्वासन दिया।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि गोपालगढ़ की घटना की वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, केन्द्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम, सोनिया गांधी, राहुल गांधी व मुख्यमंत्री से कई बार बातें कर चुके हैं। उधर, सांसद रतन सिंह ने बताया कि सांसदों का प्रतिनिधि मंडल सोमवार को गोपालगढ़ आएगा।

कई बस्तियां हो गईं खाली

गोपालगढ़ में तनाव और भय के चलते लोगों का पलायन जारी है। हर रोज परिवार अन्य गांवों की ओर रुख कर रहे हैं। यही वजह है कि कई बस्तियां खाली हो गई हैं। गलियों में सन्नाटा और मकानों पर ताले लटके हुए हैं।

कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो मकान को ही खुला छोड़ चले गए हैं। उन्हें माल से अधिक जान की चिंता है। कब लौटेंगे, उनके परिचितों को भी नहीं पता।

इस बीच, कस्बे के व्यापारी दुकानें खोलने को तैयार नहीं। उन्हें व्यापार से पहले सुरक्षा की गारंटी चाहिए। इस संबंध में क्षेत्र के लोगों ने रविवार को अधिकारियों को ज्ञापन भी दिया और साफ कहा कि सुरक्षा मिलने पर ही बाजार खोले जा सकेंगे।

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