पुणे. लुधियाना से कांग्रेस संसद और प्रवक्ता मनीष तिवारी ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे से लिखित में माफी मांग ली है।
पत्र में उन्होंने गांधीवादी अन्ना को भ्रष्टाचार में लिप्त होने के अपने आरोप पर की गई टिप्पणियों पर खेद व्यक्त किया। तिवारी का यह लिखित माफीनामा पुणे के मिलिंद पवार,जोकि अन्ना हजारे के वकील है, 8 सितम्बर को भेजे गए कानूनी मानहानि नोटिस के बाद आया है।
पवार ने अन्ना हजारे को संबोधित इस लिखित माफीनामे की कॉपी जारी की। तिवारी ने इस पत्र में कहा कि रामलीला मैंदान में भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ रहे अन्ना हजारे से अपना अनशन खत्म करने का आग्रह करते हुए वे पहले ही इस सम्बन्ध में 25 अगस्त को खेद व्यक्त कर चुके थे।
तिवारी ने कहा "मैं बिना किसी प्रतिष्ठा या अहंकार के,खास कर तब जब बात अपने से बड़े को आदर और सम्मान देने की हो,पूरी ईमानदारी से मैं अपने पछतावे को दोहराता हूं।"
उन्होंने कहा "मैं इस मुद्दे पर कानूनी प्रतिक्रियाएं देने की इच्छा नहीं करता हूं या इस मुद्दे को मैं और नहीं बढ़ना चाहता हूं। मैं आशा करता हूं कि अब आप इस मामले को खत्म समझेंगे।"
अन्ना के वकील पवार ने भारतीय दंड सहिता की धारा 500 के तहत तिवारी को क़ानूनी नोटिस भेजा था। पवार ने बताया कि कांग्रेस प्रवक्ता के लिखित माफीनामे को देखते हुए हजारे ने इस मामले को खत्म करने का निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि पिछले महीने 16 अगस्त को अन्ना हजारे के अनशन शुरू करने से ठीक दो दिन पहले यानी 14 अगस्त को एक संवादाता सम्मलेन में तिवारी ने अन्ना की आलोचना करते हुए उन्हें भ्रष्टाचार में सिर से पैर तक डूबा हुआ करार दिया था।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
21 सितंबर 2011
मनीष तिवारी ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे से लिखित में माफी मांग ली
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