नई दिल्ली.विवादास्पद सांप्रदायिक व लक्षित हिंसा (निषेध) विधेयक के ड्राफ्ट को लेकर केंद्र सरकार की शनिवार को जमकर आलोचना हुई। इस मुद्दे पर न सिर्फ विपक्ष ने सरकार की आलोचना की, बल्कि यूपीए सरकार के अहम घटक तृणमूल कांग्रेस ने भी इस बिल की आलोचना की है। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने भी इस बिल के ड्राफ्ट का विरोध किया है।
राष्ट्रीय एकता परिषद की शनिवार को हुई बैठक में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए के साथ ही तृणमूल कांग्रेस ने प्रस्तावित सांप्रदायिक हिंसा का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह ऐसा खतरनाक कानून साबित होगा, जो देश के संघीय ढांचे को नुकसान पंहुचा सकता है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को हुई राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में एनडीए शासित राज्यों- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और पंजाब के मुख्यमंत्रियों ने प्रस्तावित विधेयक के मौजूदा प्रारूप पर कड़ी आपत्ति जताई। बैठक में शामिल लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने भी इसका विरोध करते हुए कहा कि यह ऐसा खतरनाक कानून साबित होगा, जो सांप्रदायिकता को काबू करने की बजाय उसे हवा देगा। साथ ही यह बहुसंख्यकों और अल्पसंख्यकों में दूरी बढ़ाएगा। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिनेश त्रिवेदी ने भी कहा कि उनकी पार्टी इस विधेयक के वर्तमान प्रारूप का विरोध करती है। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने भी इस बिल का विरोध किया है।
मायावती ने कहा है कि केंद्र सरकार ने बिल का ड्राफ्ट नहीं दिया। मायावती खुद तो इस बैठक में नहीं आईं, लेकिन उनके प्रतिनिधि ने उनकी तरफ से बयान पढ़ा। बीजद शासित उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि इसमें कुछ ऐसे आपत्तिजनक प्रावधान हैं, जो राज्यों की स्वायत्तता को सीधे प्रभावित कर सकते हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधेयक के कुछ प्रावधानों पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे ऐसी धारणा पैदा हो सकती है कि बहुसंख्यक समुदाय ही सांप्रदायिक घटनाओं के लिए हमेशा दोषी होता है और इससे अंततोगत्वा यह धारणा बहुसंख्यकों में प्रतिक्रिया उत्पन्न कर अल्पसंख्यकों के विरूद्ध ही जा सकती है। बैठक में नीतीश स्वयं उपस्थित नहीं थे और उनकी ओर से राज्य के सिंचाई मंत्री विजय चौधरी ने उनका भाषण पढ़ा।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
10 सितंबर 2011
विपक्ष समेत तृणमूल ने किया सांप्रदायिक हिंसा बिल का विरोध
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