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18 सितंबर 2011

अनूठा फैसला: कोर्ट परिसर में चार माह पानी पिलाएगा कुकर्मी

अम्बाला सिटी. कुकर्म के मामले में जज रजनीश शर्मा ने अनूठा फैसला सुनाते हुए कुकर्मी को चार माह तक कोर्ट परिसर में पानी पिलाने की सजा सुनाई है। आरोपी को दिन में दस से बारह बजे तक ड्यूटी देनी होगी।

मूलरूप से नेपाल के चंद बहादुर ने पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि वह थाना सदर में कुक के पद पर कार्यरत है। इस समय वह अपने परिवार के साथ सिटी महेंद्र नगर स्थित सतनाम के मकान में किराए पर रह रहा है। बीती 18 दिसंबर 2002 को वह रात नौ बजे ड्यूटी समाप्त कर घर पहुंचा था। तब उसे पत्नी हेमलता ने बताया था कि उनके पांच वर्षीय बेटे सूरज के साथ पड़ोस में रहने वाले चरणप्रीत सिंह उर्फ विक्की ने गलत काम किया है और सूरज ठीक से चल भी नहीं पा रहा है।

हेमलता ने बताया कि यह बात उन्हें सूरज से पता चली है। सूरज ने उन्हें बताया है कि चरणप्रीत सिंह उसे टॉफी दिलाने के बहाने अपने साथ ले गया था और उसके बाद उसने उसके साथ बुरा काम किया। पुलिस ने चंद बहादुर की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सूरज का सिविल अस्पताल में मेडिकल चेकअप कराया था। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी चरणप्रीत सिंह के खिलाफ कुकर्म का मामला दर्ज किया था।

वारदात के समय नाबालिग, फैसले के समय बालिग

जिस समय यह वारदात हुई उस समय चरणप्रीत सिंह नाबालिग था लेकिन अब वह बालिग हो चुका है। सुनवाई के दौरान उसने कहा कि वारदात के समय समझ न होने के कारण वह सूरज से गलत काम कर बैठा जिसका उसे पछतावा है। उसके इस तर्क के बाद कोर्ट ने उसे कोर्ट में पानी पिलाने की सजा सुनाई। चरण्ाप्रीत की ड्यूटी सोमवार से शुरू होगी। वह कोर्ट परिसर में आने वाले सभी लोगों को पानी पिलाएगा।

गिरफ्तारी के बाद रखा गया था बाल सुधार गृह में

पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद आरोपी चरणप्रीत सिंह की तलाश शुरू कर दी थी। मगर यह पुलिस के हाथ नहीं लग रहा था। तब पुलिस ने मुखबिर से मिली सूचना के बाद चरणप्रीत सिंह को हिरासत में लिया था। चूंकि उस समय चरणप्रीत सिंह नाबालिग था इसलिए उसे कोर्ट कार्रवाई के बाद बाल सुधार गृह भेज दिया था। फिर कई माह तक आरोपी बाल सुधार गृह में बंदी रहा था लेकिन कुछ माह बाद उसे कोर्ट से जमानत मिल गई थी।

पहले लगानी होगी बाल सुधार गृह में हाजिरी

इससे पहले आरोपी चरणप्रीत सिंह को सिटी कोर्ट परिसर के नजदीक बाल सुधार गृह के रजिस्टर्ड में हाजिरी लगानी होगी जिसके बाद वह कोर्ट परिसर में सुबह दस से बारह बजे तक पानी पिलाएगा। फिर आरोपी की सजा पूरी होने के दौरान बाल सुधार गृह के रिकार्ड को भी चेक किया जाएगा। उसके अच्छे चाल-चलन को देखने के बाद ही आरोपी को इस सजा से मुक्त किया जाएगा।

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