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18 सितंबर 2011

प्रधानमंत्री की पत्नी ने फोन कर कहा इलाके का सीवरेज तो साफ कर दो

लुधियाना. देश के प्रधानमंत्री की पत्नी गुरशरण को शनिवार को खुद निगम अफसरों को फोन करके कहना पड़ा कि उनकी बीमार बहन के इलाके का सीवरेज तो साफ कर दो। सीधे मिसेज पीएम का फोन आने से अफसर भी हैरान रह गए लेकिन उन्हें किसी तरह तर्क दिया कि वे बहुत जल्द इलाके की समस्या को खत्म कर देंगे।

दरअसल मिसेज पीएम की बहन धनंतर कौर माया नगर के पास दयाल नगर में रहती हैं। एक तो वे पीलिया से पीड़ित हैं, ऊपर से इलाके में सीवरेज जाम की समस्या है। सीवरेज का पानी बैक मारकर घर के भीतर तक घुस आता है। उनको पीलिया होने की वजह भी यही बताई जा रही है। अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद परिवार उनको दयाल नगर में रखना सुरक्षित नहीं मान रहा था और उन्हें फिलहाल सरगोधा कालोनी में बेटी के घर भेज दिया गया।

पार्षद गोगी के सामने रखी समस्या

शनिवार को जब मिसेज पीएम ने उनके सरगोधा कालोनी में रहने की वजह पूछी तब उन्हें सीवरेज समस्या का पता चला। जब इलाका पार्षद गुरप्रीत गोगी उनसे मिलने के लिए पहुंचे तो मिसेज पीएम ने उनके सामने यह समस्या रखी और उनसे पूछा कि वे इसका हल क्यों नहीं करते। मिसेज पीएम ने वहीं से निगम के कार्यकारी कमिश्नर एमएस जग्गी को फोन मिलाया और उन्हें सीवरेज समस्या के हल व सड़कें दुरुस्त करने के लिए कहा। इसके बाद वे खुद भी दयाल नगर स्थित कोठी भी गईं।

पार्षद गुरप्रीत गोगी के मुताबिक उन्होंने मिसेज पीएम को बताया है कि इस समस्या का दो महीने में हल हो जाएगा। गोगी के मुताबिक इस इलाके में स्ट्राम सीवरेज नहीं है। इससे सीवरेज का पानी बैक मारकर घरों में घुस जाता है। ये मकान सड़क से दो फुट नीचे हैं, इसलिए बरसात का पानी भी घरों में घुस जाता है। पिछले दिनों हुई बरसात के बाद ये समस्या बढ़ गई थी। उन्होंने मिसेज पीएम को बताया है कि 12 लाख का स्ट्राम सीवरेज प्रोजेक्ट तैयार हो चुका है।

इसके टेंडर भी मांगे जा रहे हैं। आचार संहिता हटते ही एफएंडसीसी से मंजूरी लेकर वर्कआर्डर जारी करा दिए जाएंगे। उधर, कार्यकारी कमिश्नर एमएस जग्गी ने मिसेज पीएम का फोन आने तो की पुष्टि की लेकिन बाकी कुछ भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।

1994 में इस परिवार को भी दे दी थी सुरक्षा

भतीजी गुरमीत कौर अपने मौसा व मौसी की सादगी की कायल हैं, और उसी रास्ते पर चलते हैं। गुरमीत के मुताबिक साल 1994 में जब डा.मनमोहन सिंह वित्तमंत्री थे, तो उन्हें भी सुरक्षा दे दी गई, लेकिन वे इंकार करते रहे। उस समय आतंकवाद का दौर था, इसलिए सुरक्षा एजेंसियां नहीं मानी। धनंतर कौर के जमाई जगजीत सिंह के मुताबिक जब वे तीन सुरक्षाकर्मी लेकर पीएयू में ड्यूटी देने जाते तो उन्हें बेहद अटपटा लगता। इसलिए बाद में तीनों सुरक्षाकर्मी वापस कर दिए।

क्या यही है बरसाती सीजन में चौकसी

नगर निगम के मेयर व पार्षद विदेशों के दौरे करते हैं। अफसर वल्र्ड क्लास सुविधाओं के दावे करते हैं। कहते हैं कि बरसाती सीजन में सीवरेज जाम की समस्या को लेकर वे पूरी तरह से चौकस हैं। पर इस घटना ने साबित कर दिया है कि शहर का कोई भी इलाका बीमारियों के खतरे से अछूता नहीं है।

अरे, ये तो मिसेज पीएम हैं..

लुधियाना त्न नई दिल्ली से शताब्दी एक्सप्रेस के एग्जीक्यूटिव कोच ई-2 में सफर करने वाले यात्रियों को पता ही नहीं था कि इस कोच में उनके साथ मिसेज पीएम गुरशरण कौर भी सफर कर रही हैं। उधर, शनिवार को मिसेज पीएम के ट्रेन में होने के कारण बर्थिग बदली गई और ट्रेन को प्लेटफार्म नंबर दो के बजाय एक पर लिया गया।

बता दें कि शनिवार को प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर निजी दौरे पर लुधियाना आई थी। शनिवार को नई दिल्ली से अमृतसर आने वाली शताब्दी एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से तकरीबन 10 मिनट देरी से पहुंची। ट्रेन के ई-2 कोच में ही सफर कर रहे यात्री कमलजीत चौहान ने बताया कि उन्हें पता ही नहीं था कि मिसेज प्रधानमंत्री भी उनके कोच में ही सफर कर रही हैं। स्टेशन पर पुलिस मुलाजिम से पूछा, तब ही उन्हें इस बारे में पता चल पाया।

प्रधानमंत्री की पत्नी गुरशरण कौर के आने पर स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप ने ही मोर्चा संभाला। यहां तक कि पंजाब पुलिस, रेलवे पुलिस को भी आसपास नहीं फटकने दिया। ट्रेन से उतरते ही एसपीजी की टीम मिसेज प्रधानमंत्री को पार्सल कार्यालय की तरफ से बाहर ले गई।

चार्ट पर सिर्फ स्टार

वीवीआईपी मूवमेंट के समय सुरक्षा के पूरे पुख्ता प्रबंध किए जाते हैं। वीवीआईपी की सुरक्षा के लिए उनकी मूवमेंट को पूरी तरह गोपनीय रखा जाता है। यहां तक कि ट्रेन के टिकट चेकर को भी इस बात का इलम नहीं होता, कि कौन सा वीवीआईपी सफर कर रहा है। चार्ट पर भी नाम की बजाय स्टार होते हैं। जिससे पता चलता है कि इन सीटों पर कोई वीवीआईपी है।

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