आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

19 सितंबर 2011

जल्दी चद्दरें लाओ, साहब आ रहे हैं


| Email Print
कोटा.जेके लोन अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम सोमवार को संभागीय आयुक्त प्रीतमसिंह ने स्वयं देखा। वे वार्डो में जैसे-जैसे बढ़ रहे थे कर्मचारी फटे गद्दों पर चादर डाल रहे थे।

उन्होंने अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरपी.रावत व सिक्योरिटी गार्ड को गंदगी पर तो खासी फटकार लगाई। इस बीच तीमारदारों ने अस्पताल के डॉक्टरों पर बाजार से दवा लिखने, बाजार से जांच करवाने, प्रसूताओं को ट्रॉली पर लाने-ले जाने के रुपए मांगने के आरोप लगाए। आयुक्त यहां दो अक्टूबर से सभी सरकारी अस्पतालों में शुरू होने वाली निशुल्क दवा बांटने की समीक्षा करने पहुंचे थे।

बैठक के बाद वे सीधे जेके लोन अस्पताल पहुंचे। पहले उन्होंने आउटडोर में व्यवस्थाओं को देखा। इसके बाद वे स्त्री रोग विभाग के इनडोर में गए। हालात यह थे कि उनके आने से पहले ही नर्सिग स्टाफ रोगियों के बैड्स पर चद्दरें डाल रही थी।

उन्होंने भी कई पर शीट नहीं होने के बारे में पूछताछ की? अधीक्षक बगले झांकने लगे। इस दौरान सिंह के साथ प्राचार्य डॉ. पुष्पा जैन, एमबीएस अधीक्षक डॉ. एआर गुप्ता, जेके लोन अधीक्षक डॉ. आरपी रावत, विभागाध्यक्ष डॉ. आरके गुलाटी, कार्यवाहक सीएमएचओ डॉ. रामजीलाल, डिप्टी सीएमएचओ डॉ. एमपीसिंह मौजूद थे।

दीवारों पर पान की पीक से भी नाराज

संभागीय आयुक्त जब ऑपरेशन थियेटर का अवलोकन करने के बाद शिशु रोग वार्ड की तरफ जा रहे थे, उसी समय उन्हें रास्ते में अस्पताल की दीवारों पर पान व गुटखे की पीक दिखी तो वे नाराज हो गए। उन्होंने साथ चल रहे अधीक्षक डॉ. रावत व सिक्योरिटी गार्ड को खरी-खरी सुनाई।

सिंह ने सिक्योरिटी गार्ड से पूछा कि आप यहां कितने लोग काम कर रहे हैं। सिक्यूरिटी गार्ड ने कहा कि 18 व्यक्ति । सिंह ने कहा कि आप यहां क्या करते हो, पान व गुटखा खाकर पीक अस्पताल की दीवार पर थूकने वालों को क्यों नहीं रोकते? सिक्योरिटी गार्ड ने कहा रोकते हैं तो झगड़े पर उतारू हो जाते हैं।

कमिश्नर को तीमारदारों ने बताई समस्याएं

भाजपा महिला मोर्चा देहात अध्यक्ष संगीता माहेश्वरी के नेतृत्व में महिलाओं ने आयुक्त सिंह को अस्पताल की समस्याएं बताई। प्रसूताओं की तीमारदार महिलाओं ने कहा कि जननी शिशु सुरक्षा योजना लागू होने के बावजूद डॉक्टर 2500 रुपए का इंजेक्शन बाजार से लिख रहे हैं।

माहेश्वरी का आरोप था कि ब्लड बैंक में खून के बदले खून लिया जा रहा है, साथ ही जांच के नाम पर रुपए वसूले जा रहे हैं, जबकि जननी को निशुल्क रक्त देने का प्रावधान है।

मांगे डेढ़ करोड़ रुपए

कमिश्नर प्रीतमसिंह ने एमबीएस अस्पताल परिसर में दो अक्टूबर से सरकारी अस्पतालों में निशुल्क बांटी जाने वाली दवाइयों की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान एमबीएस अस्पताल अधीक्षक डॉ. एआर गुप्ता ने एनआरएचएम से ली जाने वाली 1.65 करोड़ रुपए की राशि का मुद्दा उठाया।

उन्होंने कहा कि यहां बीपीएल रोगियों के उपचार में उपयोग लिए गए 1.65 करोड़ रुपए का भुगतान अटका हुआ है।

आयुक्त सिंह ने कार्यवाहक सीएमएचओ डॉ. रामजीलाल से 50 लाख का भुगतान आज ही कराने के निर्देश दिए।. इसके बारे में उन्होंने कहा फिलहाल मैंने चार्ज नहीं लिया है, केवल रूटीन के कामकाज ही कर रहा हूं, चैक पर साइन करने का अधिकार नहीं है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...