जयपुर। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डा.चंद्रभान ने मुख्य सचिव एस.अहमद का भरतपुर जिले के गोपालगढ़ में हुई हिंसा में प्रशासनिक चूक नहीं होने के दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में चंद्रभान ने साफ कहा, 'मैं मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक के दावों से सहमत नहीं हूं। पुलिस-प्रशासन की लापरवाही रही है। यदि प्रशासन सचेत रहता तो घटना टाली जा सकती थी।'
इससे पहले केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह के स्वागत समारोह में चंद्रभान ने यह आरोप दोहराया कि गोपालगढ़ में भाजपाई स्थिति को नियंत्रित करने नहीं बल्कि आग लगाने का काम कर रहे थे। भाजपाई सोच रहे थे कि इस सरकार के ढाई साल के शासन में पुलिस ने गोली नहीं चलाई, वे चाहते थे कि ऎसा हो।
कर्फ्यू में आज सात घंटे की ढील
भरतपुर। जिला कलक्टर ने मेवात क्षेत्र में मंगलवार को कर्फ्यू में सुबह दस बजे से शाम 5 बजे तक ढील देने की घोषणा की है। सोमवार को भी पांच घंटे की दी गई ढील में गोपालगढ के बाजार नहीं खुले। कामां, पहाड़ी, जुरहरा, सीकरी में बाजार खुले। गोपालगढ़ व्यापार मण्डल कहा है कि दुकानदारों को जब तक सुरक्षा का भरोसा नहीं मिलता तब तक बाजार नहीं खुलेंगे। इधर, हिंसा में मारे गए सात जनों के शवों में से 6 शवों का पोस्टमार्टम और दफनाने का मामला सोमवार को भी नहीं सुलझ पाया।
सोमवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ.चन्द्रभान सहित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ओर से गठित सांसदों की चार सदस्यीय जांच समिति गोपालगढ़ पहुंची। दल में कांग्रेस सांसद विप्लव ठाकुर, विजय बहुगुणा, दीपेन्द्र हुड्डा एवं रतन सिंह शामिल थे। मंगलवार को भाजपा नेता शहनवाज हुसैन गोपालगढ़ कस्बे में स्थिति का जायजा लेंगे।
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