बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य में पदोन्नति में आरक्षण देने से पहले अब आरक्षित वर्ग का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है या नहीं, इसे देखा जाएगा। इसके लिए कार्मिक विभाग की ओर से सभी विभागों में पदों और उनमें आरक्षित वर्ग के प्रतिनिधित्व का सर्वे किया जा रहा है।
मंत्रिमंडल के इस फैसले का असर राज्य के प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से लेकर सभी वर्गों के करीब छह लाख कर्मियों पर आएगा। उल्लेखनीय है कि पदोन्नति में आरक्षण के मामले में सोमवार को हाईकोर्ट में अवमानना याचिका पर सुनवाई होनी है। बैठक में राज्य में बढ़ाई गई बिजली की दरों पर भी मुहर लगा दी गई है।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार राज्य में एम नागराजन के मामले में दिए फैसले को लागू करेगी। पहले हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी को आधार मानते हुए निर्णय दिया था।
सूत्रों ने बताया कि कोर्ट के फैसले के अनुसार ही राज्य सरकार ने के.के. भटनागर समिति का गठन किया था। कमेटी को पिछड़ापन, कार्यदक्षता और प्रतिनिधित्व के बारे में रिपोर्ट देनी थी।
कमेटी ने माना कि आरक्षित वर्ग एससी एसटी के है इसलिए पिछड़ापन तो है ही। इनको पदोन्नति एसीआर के आधार पर दी जाती है, इसलिए कार्यदक्षता में कमी नहीं है। पर्याप्त प्रतिनिधित्व है या नहीं इसे देखकर पदोन्नति दी जा सकती है।
सूत्रों ने बताया कि पदोन्नति के समय रोस्टर प्रणाली को देखा जाएगा। इसका मतलब है कि आरक्षित वर्ग का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है तो उसे पदोन्नति मिल जाएगी।
वहीं, अगर पर्याप्त प्रधिनिधित्व पहले से है तो उस कार्मिक को पदोन्नति उसका रोस्टर (टर्न) आने पर मिलेगी। सूत्रों का मानना है कि सरकार राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को लागू करेगी और संविधान संशोधन का भी ध्यान रखेगी।
सूत्रों ने यह भी माना है कि राज्य में इसके चलते केडर मैनेजमेंट गड़बड़ाया है और कई लोगों को पदोन्नति से वंचित रहना पड़ा है। अब प्रयास यह होगा कि कटुता नहीं बढ़े।
मंत्रिमंडल के अन्य फैसले
बिजली की दरें बढ़ाने के मंत्रिमंडल की बैठक में मुहर लगा दी गई। सूत्रों का कहना है कि इस साल के लिए राज्य सरकार इस साल कंपनियों को सब्सिडी के रूप में 1000 करोड़ रुपए देगी। अगले साल से 1350 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि अन्य राज्यों में दरें पहले से बढ़ी है, जबकि राजस्थान ने 2005 के बाद अब बढ़ाई है।
जननी सुरक्षा योजना में 12, 13 और 14 सितंबर को राज्यभर में कार्यक्रम होंगे। इसके लिए व्यवस्थाएं कर ली गई है और प्रदेश में सभी स्थानों के लिए टैक्सियां भी तय कर ली है, जो प्रसूताओं को लाने ले जाने का काम करेगी।
अगर किसी चिकित्सालय में किसी जांच की व्यवस्था नहीं है तो मेडिकल रिलीफ सोसायटी की तय दरों पर बाहर से जांच करवाने पर सहमति दे दी है।
2 अक्टूबर से शुरू होने वाले निशुल्क दवा वितरण का पूर्वाभ्यास 23 सितंबर को किया जाएगा। इसमें पहले चरण में 250 जैनेरिक दवाएं दी जाएगी और दूसरे चरण में 400 दवाओं पर शामिल किया जाएगा।
नागराजन का फैसला
इस फैसले में कहा गया है कि पदोन्नति में आरक्षण स्वत: नहीं है। सरकारें चाहें तो सरकारी सेवाओं में अपर्याप्त प्रतिनिधित्व, पिछड़ापन और प्रशासनिक दक्षता पर क्वांटीफायेबल आंकड़े एकत्रित कर आरक्षण की व्यवस्था करें।
हाईकोर्ट का निर्णय
बजरंग लाल शर्मा और अन्य के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 5 फरवरी, 2010 को कहा था कि एम. नागराजन के मामले में दिए निर्देशों की पालना पर ही पदोन्नति में आरक्षण दिया जाए।
Good up to date
जवाब देंहटाएंthanks