कलेक्टर कृष्ण कुणाल के अनुसार दो गुटों और पुलिस द्वारा चलाई गई गोलियों से 3 लोगों की मौत हुई है तथा तहसीलदार सहित 13 लोग घायल हुए हैं। कामां, पहाड़ी, सीकरी, जुरहटा, गोपालगढ़ तथा कैथवाड़ा थाना क्षेत्र में कफ्यरू लगा दिया गया है।
डीग, कामां, नगर और पहाड़ी तहसील क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गई है। घटना के बाद मुख्यमंत्री ने आला अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा की।
बैठक के बाद गृहमंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि गोपालगढ़ में सुरक्षा बलों की छह अतिरिक्त कंपनियां भेजी गई हैं। इसके अलावा आईजी एमएल लाठर, डीआईजी आनंद श्रीवास्तव और जोधपुर के डीसीपी राजेश मीणा को भी वहां भेजा गया है।
देर रात, खबर यह भी आई कि भरतपुर के आईजी सुनील दत को समुदाय विशेष के लोगों ने घेर लिया। धारीवाल ने कहा कि आईजी की कार पर लोगों ने पथराव कर दिया था।इस घटना के पीछे पीछे एक जमीन का विवाद बताया जा रहा है।
एक समुदाय जमीन को सिवायचक की भूमि बता रहा था तो दूसरा समुदाय कब्रिस्तान की। इस मामले को लेकर एक समुदाय के लोगों ने बैठक की और नारेबाजी शुरू कर दी।
इस बीच दूसरे पक्ष के लोग भी आ गए। दोनों ओर से पथराव होने लगा। जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में पुलिस दल पहुंच गया। इसके बाद जिला कलेक्टर कृष्ण कुणाल, पुलिस अधीक्षक हिंगलाज दान भी मय भारी पुलिस फोर्स के कस्बा गोपालगढ़ पहुंच गए।
गोपालगढ़ थाना में उन्होंने दोनों पक्षों के लोगों के बीच विधायक कामां जाहिदा खान, नगर विधायक अनीता सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष भजनलाल शर्मा, भाजपा नेता गिरधारी तिवारी, भाजयुमो जिला अध्यक्ष शिवराज तमरोली, डा. जी सी कपूर, जवाहर बेढ़म आदि की मौजूदगी में वार्ता कर मामला सुलझाने की कोशिश की, लेकिन वार्ता विफल रही।
तभी कस्बे में दोनों पक्षों के बीच फिर जमकर फायरिंग शुरू हो गई। कुछ स्थानों पर रास्ते रोक दिए गए और आग लगा दी गईं। पुलिस ने भी फायरिंग की और आंसू गैस के गोले छोड़े।
क्या है मामला
तहसीलदार लक्ष्मीकांत गुप्ता के अनुसार गोपालगढ़ कस्बे में सिवाय चक की खसरा नं. 642 की 1.11 हेक्टेयर भूमि है, जिसे पूर्व में गलती से कब्रिस्तान दर्ज कर दिया गया। ये मामला उपखंड अधिकारी पहाड़ी के पास विचाराधीन है।
इसी मामले को लेकर मंगलवार रात 9 बजे दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई और रात को झगड़ा हो गया। किंतु रात को ही मामला शांत करा दिया गया। बुधवार सुबह जब एक समुदाय के लोगों ने पंचायत की और फिर कस्बे की तरफ दूसरे पक्ष पर हमला कर दिया।
देर रात तक होती रही फायरिंग
दोनों पक्षों के बीच रुक-रुककर सुबह से करीब 10 बार फायरिंग की घटना हुई, जिसमें सुबह 9.45 बजे, 10.40 बजे, 11.20 बजे, 11.55 बजे, 12.18 बजे, 1.40 बजे, 2.15 बजे और फिर शाम 5 बजे बाद देर रात तक फायरिंग होती रही।
लोगों में आपसी फायरिंग भी हुई : कलेक्टर
"जमीन को लेकर दो समुदायों में विवाद हुआ। दोनों समुदायों के लोगों ने फायरिंग की, तब पुलिस फायरिंग के आदेश दिए गए। फायरिंग में मारे गए लोगों की पहचान अभी नहीं हो सकी है। कई लोग घायल हुए हैं। "
-कृष्ण कुणाल, कलेक्टर, भरतपुर
पहले कलेक्टर ने कहा-10 मरे, फिर कहा तीन, देर रात गृहमंत्री बोले पांच की हुई है मौत
क्या है सच?
गोपालगढ़ में फायरिंग में हुई मौतों की संख्या को लेकर पुलिस, प्रशासन की संवेदनहीनता की स्थिति यह थी वे बार-बार हास्यास्पद बयान देते रहे।
सबसे पहले जिला कलेक्टर कृष्ण कुणाल ने मृतकों की संख्या 10 बताई, लेकिन कुछ देर बाद ही उन्होंने कहा कि मृतकों की संख्या तीन है। उनकी दलील थी कि गिनने में गफलत हो गई है।
कृष्ण कुणाल बोले-कुछ लोग बेहोश थे जिसे प्रशासन ने मृतकों में शामिल कर लिया, लेकिन अस्पताल में सात लोगों को होश आ गया। गृहमंत्री शांति धारीवाल भी मृतकों की अपनी अलग ही संख्या बता रहे थे। गृहमंत्री के अनुसार फायरिंग में पांच लोगों की मौत हुई है।
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