नई दिल्ली.दिल्ली के रामलीला मैदान से चार जून को योग गुरु बाबा रामदेव के निष्कासन के मामले में सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा गया कि केंद्रीय गृह सचिव और दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल हलफनामों में कुछ भी स्पष्ट नहीं है।
एमिकस क्यूरी राजीव धवन ने न्यायमूर्ति बी.एस.चौहान एवं न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की खंडपीठ से कहा कि हलफनामे में कई सवालों के जवाब नहीं दिए गए हैं।
उन्होंने अदालत से कहा कि गृह सचिव ने रुख स्पष्ट नहीं किया है और पुलिस का जवाब भी स्पष्ट नहीं है। हलफनामे से यह स्पष्ट नहीं होता कि लाठीचार्ज किया गया था या नहीं।
धवन ने इसे 'अत्यंत दुखद' स्थिति करार दिया।
उन्होंने कहा कि अहम सवाल यह है कि 'पुलिस की कार्रवाई के लिए आदेश कहां से आया। क्या पुलिस आयुक्त ने स्वयं आदेश दिया या उन्हें ऊपर से निर्देश मिला।'
धवन ने कहा कि कार्रवाई मध्यरात्रि में किया जाना तर्कसंगत नहीं है।
धवन द्वारा उठाए गए सवालों पर अदालत ने कहा, "हमें तह तक जाना होगा कि कार्रवाई करने का निर्णय उचित था या नहीं।"
न्यायाधीशों ने कहा कि 'हम मामले की पृष्ठभूमि में जाएंगे लेकिन अभी फैसला नहीं देंगे'। उन्होंने कहा कि 'हम हर चीज के विस्तार में जाना नहीं चाहते।'
उन्होंने यह कहते हुए कि मामले की सुनवाई 30 सितम्बर को होगी, सम्बंधित पक्षों को चार जून को हुई पुलिस कार्रवाई से जुड़ी सभी सीडी के आदान-प्रदान का निर्देश दिया।
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