ये पक्षी जयपुर एयरपोर्ट प्रशासन की लापरवाही से विमानों से टकराकर हादसे का कारण बनते रहे हैं। जयपुर एयरपोर्ट से संचालित विमानों में पिछले एक साल में अब तक बर्ड हिट के 8 हादसे हो चुके हैं। इन हादसों के पीछे एयरलाइंस कंपनियां जितनी दोषी हैं, उतना ही एयरपोर्ट प्रशासन। एयरपोर्ट के आसपास गंदगी और कचरे का ढेर रनवे के ऊपर पक्षियों को हर समय मंडराने पर मजबूर कर रहा है।
विमान से पक्षी टकराना खतरनाक क्यों?
पक्षी के विमान से टकराने की तकरीबन 65 फीसदी घटनाएं सामान्य होती हैं जिनमें जान-माल का कोई नुकसान नहीं होता। नुकसान तब ज्यादा होता है जब पक्षी विमान की विंड स्क्रीन से या इंजन से टकरा कर उसमें चला गया हो। हालांकि नुकसान की गंभीरता पक्षी के वजन और यान की गति पर निर्भर करती है।
पक्षी के इंजन से टकराने पर उसमें तेजी से घूम रहे पंखे की ब्लेड टूटकर मुड़ जाती है जो एक के बाद एक सभी ब्लेडों को तोड़कर इंजन को ठप कर देती है, जो एयर क्रैश का कारण भी बन सकते हैं। टेकऑफ करते वक्त नुकसान ज्यादा हो सकता है, क्योंकि जमीन से ऊपर उठते वक्त इंजन के पंखों की गति सबसे तेज होती है। विंडशील्ड टूटने से भी काफी नुकसान हो सकता है क्योंकि हवा में 5 किलो के पक्षी का टकराना उतना ही असर डालता है जितना कि 100 किलो वजन के 15 मीटर की ऊंचाई से गिराने से पड़ता है।
ये हुई घटनाएं
* 6 जुलाई 2010, कंपनी स्पाइसजेट, अहमदाबाद से जयपुर आ रही थी, लैंड करते समय पक्षी विमान की पंखुड़ियों से टकराया। इसमें 133 यात्री थे। * 22 अगस्त 2010, कंपनी स्पाइसजेट, अहमदाबाद से 4 घंटे देरी से आई फ्लाइट। कंपनी ने कहा, अहमदाबाद में उड़ान भरते समय पक्षी टकरा गया। * आधा दर्जन घटनाएं जयपुर एयरपोर्ट पर ही हुई हैं। देश के अन्य एयरपोर्ट पर पक्षी टकराने की घटनाएं इतनी नियमित नहीं होती
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