यह रहा पत्र व्यवहार का सिलसिला
14.9.1997 : किशोरीलाल ने स्थानीय विधायक व तत्कालीन खेल राज्यमंत्री रोहिताश्व शर्मा को लिखा।
28.6.1996 : संयुक्त निदेशक ने सीएमएचओ को भवन की रिपोर्ट भेजने के लिए कहा।
15.11.1997 : सीएमएचओ ने संयुक्त निदेशक को रिपोर्ट में भवन को केंद्र के लिए उपयुक्त माना।
26.1.98 : किशोरी लाल ने ग्राम पंचायत को पत्र लिखा
12.1.2001 : किशोरी लाल ने सीएमएचओ अलवर को पत्र लिखा।
9.8.2001 : किशोरी लाल ने सरपंच को पत्र लिखा।
2010 व 2011 में : वर्तमान चिकित्सा मंत्री दुरुमियां, सांसद लालचंद कटारिया को दान लेने के लिए पत्र लिखा। इसके अलावा प्रशासन गांवों के संग अभियान में भी इसके लिए अधिकारियों को ज्ञापन दिया।
इन गांवों को मिलेगा फायदा : सरकार यहां यह कल्याण केंद्र खोल दें तो अजबपुरा, खरवड़ी, चांदपुरी, मुंडावरा, कोलाहेडा सहित कई गांवों के निवासियों को फायदा मिल सकता है।
इस घटना ने दुखाया था मां का दिल : किशोरीलाल ने बताया कि 1983 में परिवार की एक महिला को प्रसव के लिए मेरी मां नारायणपुर लेकर जा रही थी। तब इतने साधन नहीं होते थे। केवल एक बस चला करती थी। मां उसे लेकर बस में सवाल हुई और करीब 5 किमी दूर ही गए थे कि गाड़ी में ही प्रसव हो गया। इससे मां इतनी दुखी हुई कि उसने गांव में मातृ शिशु कल्याण केंद्र खुलवाने का संकल्प लिया। मां का देहांत घटना के करीब दो साल बाद हो गया। लेकिन अंतिम घड़ी में भी मां ने मुझसे यह वचन लिया था कि मैं यहां ऐसा केंद्र खोलू।
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