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02 अगस्त 2011

मनुष्य का मस्तिष्क अपनी बुद्धिमत्ता के चरम पर पहुंच चुका है

 
 
 
लंदन.मनुष्य का मस्तिष्क अपनी बुद्धिमत्ता के चरम पर पहुंच चुका है। एक शोध में दावा किया गया है कि मनुष्य के दिमाग में जितनी चतुराई और चालाकी अब है, पहले कभी नहीं थी। अध्ययन के मुताबिक चालाक से चालाक व्यक्ति के दिमाग में भी अब और ज्यादा विकास नहीं होगा क्योंकि मनुष्य के दिमाग के प्रमुख हिस्से ग्रे मैटर का विकास पूरी तरह हो चुका है।

अध्ययन में वैज्ञानिकों ने दिमाग की संरचना और उसके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली ऊर्जा पर प्रमुख जोर दिया। उन्होंने पाया कि दिमाग में कोशिकाएं पूरी तरह विकसित हो चुकी हैं। अब वहां नई कोशिकाओं के बनने की जगह नहीं है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिस व्यक्ति के दिमाग में कोशिकाएं अच्छे ढंग से एक-दूसरे से संबंधित रहती हैं, उसका आई क्यू अन्य लोगों से बेहतर होता है।

अध्ययन के एक भाग में दिमाग की कोशिकाओं द्वारा खर्च की जाने वाली ऊर्जा के बारे में बताया गया है। इसके मुताबिक दिमाग शरीर के कुल वजन का मात्र दो फीसदी होता है, लेकिन शारीरिक ऊर्जा का 20 फीसदी भाग दिमागी गतिविधियों में ही खर्च हो जाता है।

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