अध्ययन में वैज्ञानिकों ने दिमाग की संरचना और उसके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली ऊर्जा पर प्रमुख जोर दिया। उन्होंने पाया कि दिमाग में कोशिकाएं पूरी तरह विकसित हो चुकी हैं। अब वहां नई कोशिकाओं के बनने की जगह नहीं है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिस व्यक्ति के दिमाग में कोशिकाएं अच्छे ढंग से एक-दूसरे से संबंधित रहती हैं, उसका आई क्यू अन्य लोगों से बेहतर होता है।
अध्ययन के एक भाग में दिमाग की कोशिकाओं द्वारा खर्च की जाने वाली ऊर्जा के बारे में बताया गया है। इसके मुताबिक दिमाग शरीर के कुल वजन का मात्र दो फीसदी होता है, लेकिन शारीरिक ऊर्जा का 20 फीसदी भाग दिमागी गतिविधियों में ही खर्च हो जाता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)