नई दिल्ली. अन्ना हजारे का गुड़गांव के मेदांता मेडिसिटी अस्पताल में इलाज चल रहा है। डॉक्टरों ने आज अन्ना हजारे के सेहत की जांच की। डॉक्टरों के मुताबिक अन्ना का ब्लड प्रेशर 120/70 तथा पल्स रेट 94 प्रति मिनट है। अन्ना को 72 घंटे तक लिक्विड फूड दिया जाएगा। अन्ना के किडनी और लीवर की जांच हो रही है। अन्ना इस अस्पताल की 14वीं मंजिल पर विशेष कक्ष में भर्ती हैं। मशहूर चिकित्सक डॉ. नरेश त्रेहन अन्ना के स्वास्थ्य पर निगरानी रख रहे हैं। डॉ. त्रेहन ने आज बताया कि अन्ना हजारे के शरीर में पानी की बेहद कमी हो गई है। उनका बीपी और हार्ट रेट सामान्य है। हम उनके सेहत की पूरी जांच कर रहे हैं। उन्हें इस स्थिति से उबरने में दो-तीन दिन लग सकते हैं। डॉ. त्रेहन सोमवार 12 बजे मीडिया को अन्ना के स्वास्थ्य की जानकारी देंगे। उम्मीद है कि सोमवार को अन्ना को यहां से छुट्टी दे दी जाए।
16 अगस्त से अनशन कर रहे अन्ना ने रविवार करीब 10 बजे अपना अनशन तोड़ दिया। पांच साल की दलित बच्ची सिमरन और मुस्लिम समुदाय की इकरा ने नारियल पानी और शहद पिला कर अन्ना का अनशन तुड़वाया। अनशन तोड़ने के बाद अन्ना हजारे ने देशवासियों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने रामलीला मैदान के मंच से समर्थकों से कहा कि आपके 13 दिनों के प्रयास का फल मिला। उन्होंने आंदोलन में साथ देने वाले सभी लोगों, मीडिया और डॉक्टरों की टीम का शुक्रिया अदा किया। रामलीला मैदान से निकलने के बाद अन्ना हजारे गुड़गांव के मेदांता मेडिसिटी अस्पताल पहुंचे। अस्पताल के बाहर समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई। टीम अन्ना ने अन्ना समर्थकों से अपील की है कि वो मेदांता अस्पताल के पास नहीं पहुंचे क्योंकि वहां भीड़ होने से अन्य मरीजों और उनके तीमारदारों को दिक्कत हो सकती है।
अन्ना ने कहा, 'मैंने अनशन छोड़ दिया है, लेकिन लड़ाई जारी रहेगी। यह परिवर्तन की लड़ाई है और यह नतीजा मिलने तक चलती रहेगी। इस लड़ाई में अगली बारी राइट टू रिकॉल यानी जनप्रतिनिधियों को बुलाने के हक और राइट टू रिजेक्ट यानी उम्मीदवारों को खारिज करने की होगी।' अन्ना ने कहा कि लड़ाई के लिए तैयार रहना होगा। संभव है कि फिर जनसंसद लगानी पड़े। तो इसके लिए भी तैयार रहना होगा।
अन्ना ने आज के पल को देश के लिए गौरवशाली क्षण करार देते हुए कहा कि देशवासियों ने 13 दिनों तक अहिंसक आंदोलन चला कर आपने दुनिया के सामने मिसाल रखी है।’ अन्ना ने युवाशक्ति को राष्ट्रशक्ति कहा। उन्होंने कहा, ‘जनसंसद दिल्ली की संसद से बड़ी है और जनसंसद के आगे दिल्ली की संसद झुक गई। ऐसे में भ्रष्टाचार मुक्त भारत के निर्माण की उम्मीद जगी है। हमें गरीब और अमीर की खाई कम करनी है। पर्यावरण की रक्षा, कृषि क्षेत्र, और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की जरूरत है।
उन्होंने रामलीला मैदान में मौजूद समर्थकों और देश भर के समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘यहां आप सबने टोपी पर लिखा है ‘मैं अन्ना हूं’। अन्ना बनने के लिए कथनी और करनी एक रखनी होगी। शुद्ध आचारण, शुद्ध विचार, निष्कलंक जीवन, त्याग करना और अपमान सहना सीखने की जरूरत है।’
टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने संसद का शुक्रिया अदा किया। खुद को अन्ना का हनुमान बताने वाले केजरीवाल ने कहा कि देश त्यौहार मना रहा है। उन्होंने कहा कि हम संविधान के खिलाफ नहीं हैं, बस इतना चाहते हैं कि जनता के हित में ही कानून बने।
शनिवार को संसद के दोनों सदनों में लोकपाल पर सार्थक बहस और प्रस्ताव पारित होने के बाद गांधीवादी अन्ना हजारे ने अनशन तोड़ने का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मुलाकात और संसद में शनिवार को पारित हुए प्रस्ताव की जानकारी दी।
तंत्र पर जन की जीत: संसद ने मानी शर्तें
इससे पहले शनिवार को अन्ना के अनशन के 12वें दिन सरकार ने उनकी तीनों मांगों पर संसद में बहस करा कर प्रस्ताव पारित कराया। लोकसभा और राज्यसभा ने शर्तो के बाबत वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के प्रस्ताव पर नौ घंटों की बहस के बाद उसे पारित किया गया। संसद के फैसले के बाबत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चिट्ठी लिखकर अन्ना को सूचित किया। अन्ना ने इसे आंदोलन की आधी जीत बताया। उन्होंने कहा कि पूरी जीत जनलोकपाल बिल पास होने के बाद हासिल होगी। इसके बाद उन्होंने अनशन तोड़ने की घोषणा कर दी। फिर, देशभर में उत्सव सा माहौल हो गया।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
28 अगस्त 2011
अन्ना की जंग जारी, अब चुनाव व्यवस्था में सुधार की बारी
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आप को क्या लगता है दुसरो मुद्दों को उठाने से अब कोई फ़ायदा नज़र आता है पहले इस मुद्दों पर तो विचार होने दीजिये क्यों की फिल्म अभी बाकि है और रास्ता १ है पर कष्ट जयादा तो अख्तर जी मेरी नज़र में तो अभी यही तक ठीक है
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